Connect with us

धर्म-कर्म

वाराणसी में 16 दिसंबर से धनुर्मास शुरू, 13 जनवरी तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य

Published

on

वाराणसी। हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर को वृश्चिक मास समाप्त हो जाएगा और 16 दिसंबर से धनुर्मास की शुरुआत होगी। यह अवधि 13 जनवरी तक चलेगी। काशी में इस दौरान विभिन्न मंदिरों में खास पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार धनुर्मास में भगवान विष्णु की विशेष रूप से उपासना की जाती है। इस माह को दक्षिण भारत के कई राज्यों में अशुभ माना जाता है। वहाँ के लोग विवाह या मांगलिक कार्यों से परहेज करते हैं और भजन-कीर्तन तथा देव-पूजन को ही प्राथमिकता देते हैं। काशी में भी देव आराधना के कार्यक्रमों में आस्था की भागीदारी बढ़ जाती है।

पंडितों के अनुसार इस महीने को भगवान सूर्यदेव के धनु राशि में गोचर करने के चलते धनुर्मास कहा जाता है। यह काल अध्यात्म और साधना के लिए उत्तम बताया गया है। भक्त प्रातःकालीन आरती और दर्शन को शुभ मानते हुए बड़ी संख्या में मंदिरों का रुख करते हैं। धनुर्मास की अवधि पूरी होने के बाद एक बार फिर से शुभ मुहूर्तों और वैवाहिक आयोजनों की शुरुआत होगी।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page