वाराणसी
वाराणसी में लगे 63 हजार स्मार्ट मीटर, 19 हजार का डेटा गायब

मुख्य अभियंता बोले—मीटर में गड़बड़ी की जिम्मेदारी कंपनी की होगी
वाराणसी में बिजली निगम ने अब तक 63,386 स्मार्ट मीटर लगाए हैं, लेकिन इनमें से 19,568 पुराने मीटर बिना जांच के ही स्टोर में जमा करा दिए गए, जिससे सही डेटा उपलब्ध नहीं हो पाया है। उपभोक्ताओं को भी मीटर बदलने के बाद पहला बिजली बिल नहीं मिल रहा है, जिससे परेशानी बढ़ गई है।
कंपनी को पुराने मीटर की रीडिंग दर्ज कर जांच के बाद निगम में जमा करना था, लेकिन लापरवाही सामने आई है। मेरठ समेत कई जिलों में इस तरह की गड़बड़ी पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और वाराणसी में भी जांच की तैयारी है।
कई उपभोक्ता कई महीनों से बिल का इंतजार कर रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि गड़बड़ी से निगम को हजारों करोड़ का नुकसान हो सकता है और यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
इधर, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण प्रस्ताव को लेकर कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समिति के मीडिया सचिव अंकुर पांडेय ने कहा कि निजीकरण के नाम पर वर्टिकल सिस्टम लागू कर हजारों पद खत्म करने का प्रयास हो रहा है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
मुख्य अभियंता राकेश पांडेय ने स्पष्ट किया कि उतारे गए सभी पुराने मीटरों की गहन जांच होगी और यदि किसी भी मीटर में गड़बड़ी पाई गई तो जिम्मेदारी कंपनी की होगी। उपभोक्ताओं का किसी भी तरह से नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।