वाराणसी
वाराणसी महानगर में नियमित जाम की स्थिति, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद से वाराणसी में पर्यटकों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है जिससे यातायात व्यवस्था पर भी बड़ा असर पड़ा है। शहर के व्यस्तम क्षेत्रों में लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है । पुलिस और यातायात विभाग पूरी तरह विफल साबित हुआ है। इन दिनों दक्षिण भारत से सर्वाधिक तीर्थ यात्री और पर्यटक काशी आ रहे हैं । हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो घाट पर काशी तमिल संगम का उद्घाटन किया था और वाराणसी से कन्याकुमारी तक एक ट्रेन का भी उद्घाटन किया था। उक्त ट्रेन से लगातार तमिलनाडु के पर्यटक और श्रद्धालु काशी आ रहे हैं। इसी क्रम में दक्षिण भारत के कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से भी लगातार पर्यटकों के आने से शहर में जाम की स्थिति बरकरार है । ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा और पैदल रिक्शा की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इन वाहनों के बेतरीब ढंग से खड़े होने के कारण भी यह स्थिति पैदा हुई है। पुलिस की लाख कोशिश के बावजूद इसमें सुधार नहीं हो रहा है।
शहर में जिन स्थानों पर नियमित जाम लग रहा है उसमें मैदागिन, विशेश्वरगंज,काशी स्टेशन मार्ग, नमो घाट, राजघाट, पांडेपुर, चौकाघाट, पहड़िया, अंधरापुल, कैंट स्टेशन, भोजूबीर, रथयात्रा, महमूरगंज, भेलूपुर, रेवड़ी तालाब, गुरुबाग, लक्सा, गोदौलिया, नई सड़क, बेनिया बाग, लहुराबीर और चौक क्षेत्र शामिल हैशहर के प्रमुख चौराहों और तिराहाओं पर सबसे ज्यादा ई रिक्शा वालों की संख्या बढ़ी है जो ट्रैफिक के नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं। किसी-किसी मार्ग पर तो ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा की चार चार लाइन लग जाती हैं जिसके कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। मैदागिन से चौक मार्ग पर तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के आने जाने के कारण लगातार जाम लग रहा है।
इसी तरह काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं के आने जाने से विशेश्वरगंज से लेकर मैदागिन चौराहे के बीच और मालवीय मार्केट पास सड़क पर लगातार जाम लगा रहता है।निश्चित टाउन हॉल में अंडरग्राउंड पार्किंग भी बनी है लेकिन अधिकतर लोग सड़कों पर ही वाहन खड़े करके इधर-उधर खरीदारी करने चले जाते हैं। पुलिस का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है । कहा तो यह जाता है कि की पुलिस के लोग उनसे नियमित वसूली भी करते हैं । इसी तरह सड़कों के किनारे ठेले खोमचे वाले अपनी दुकान लगा देते हैं जिसके कारण वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।