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वाराणसी

वाराणसी : पुलिस की शह पर सड़कें बनी अवैध पार्किंग, रोज 1 लाख की वसूली

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वाराणसी में जहां दिनभर आला अधिकारियों का आना-जाना होता है वहां 500 मीटर के दायरे में रोजाना 1 लाख रुपये से अधिक की अवैध वसूली की जा रही है। यह खेल पुलिस की शह पर खुलेआम चल रहा है। माफियाओं के खिलाफ बोलने की हिम्मत कोई नहीं करता और अधिकारी तक अपने रास्ते बदल लेते हैं।

वर्किंग डेज़ पर इन सड़कों पर स्टैंड माफिया का दबदबा रहता है। जिला और सत्र न्यायालय के मुख्य गेट को भी पार्किंग स्टैंड बना दिया गया है जिससे गेट हमेशा बंद रहता है। कचहरी परिसर में प्रवेश करने के लिए सड़क पर खड़े वाहनों से जूझना पड़ता है।

500 मीटर के दायरे में पांच हजार से अधिक वाहन खड़े किए जाते हैं और हर वाहन से 20 रुपये वसूले जाते हैं। इस तरह रोजाना 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई होती है।कचहरी परिसर के अंदर वाहन स्टैंड है जहां वकीलों की गाड़ियां फ्री में खड़ी होती हैं।

यह जगह जल्दी भर जाने के कारण लोग सड़क किनारे वाहन खड़ा करने पर मजबूर हो जाते हैं। इसी मजबूरी का फायदा उठाकर स्टैंड माफिया सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े करवा देते हैं। 60 फीट चौड़ी सड़क पर एक कार के निकलने की जगह भी मुश्किल से बचती है।नगर निगम द्वारा जारी पर्चियां भी फर्जी हैं। नगर निगम ने दोपहिया वाहनों के लिए 10 रुपये की दर तय की है लेकिन 20 रुपये की पर्ची थमाई जाती है। नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी ने इस पर्ची को फर्जी करार दिया है।

इसके बावजूद नगर निगम और पुलिस अब तक माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सर्किट हाउस में अंडरग्राउंड पार्किंग बनाई गई है लेकिन माफिया सड़क पर ही पार्किंग स्टैंड चला रहे हैं। पुलिस की मिलीभगत से माफिया को सुविधा दी जा रही है।

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माफिया द्वारा घेर ली गई जगह के अलावा अन्य जगहों पर वाहन खड़े होते ही पुलिस सक्रिय हो जाती है और चालान काटने लगती है। इलाके में 24 घंटे 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। नो पार्किंग के बोर्ड लगे होने के बावजूद गाड़ियां सड़क पर खड़ी करवाई जाती हैं।

सवाल यह उठता है कि जब कचहरी का टेंडर प्रक्रिया में है तो यह अवैध वसूली कब तक जारी रहेगी और जिम्मेदार कब कार्रवाई करेंगे?

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