वाराणसी
वाराणसी जिला कारागार में अब टोकन के जरिए बंदियों तक पहुंचेगा सामान
वाराणसी। जिला कारागार प्रशासन ने बंदियों की सुरक्षा के दृष्टिगत बड़ा कदम उठाया है। अब वाराणसी जिला कारागार में मुलाकातियों द्वारा लाए गए सामान को टोकन नंबर के जरिए भेजा जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने 150 विशेष झोले और टोकन बनवाए हैं। यह व्यवस्था वर्ष 2024 में हुई उस घटना के बाद लागू की गई है, जब एक महिला के बैग में कारतूस मिला था।
कैदियों की सुरक्षा के लिए नई पहल
इस नई प्रणाली में जेल प्रशासन ने अलग-अलग नंबरों वाले 150 झोले और उन्हीं नंबरों के टोकन तैयार कराए हैं। मुलाकाती जब अपने स्वजन के लिए सामान लेकर जेल पहुंचेंगे, तो उनका सामान जेल प्रशासन द्वारा जांच के बाद संबंधित नंबर के झोले में रखा जाएगा। उसी झोले के नंबर का टोकन मुलाकाती को दिया जाएगा, जिसे वह बंदी को सौंपेगा। बंदी उसी टोकन के आधार पर अपना सामान प्राप्त कर सकेगा।
अवैध वस्तुओं पर लगेगी रोक
नई व्यवस्था से जेल में तमंचा, पिस्टल, कारतूस या अन्य अवैध वस्तुएं चोरी-छिपे पहुंचाना अब मुश्किल होगा। पहले मुलाकाती अपने झोले में सामान लाते थे, जो चेकिंग के बाद बंदियों तक पहुंचाया जाता था। लेकिन अब सारा सामान केवल जेल के निर्धारित झोलों में ही जाएगा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी हो जाएगी।
घटना जिसने बदल दी व्यवस्था
वर्ष 2024 में 18 अगस्त को जिला जेल में एक महिला अपने पति से मिलने पहुंची थी। उसके बैग में कारतूस मिलने पर पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया और मामले में कानूनी कार्रवाई की गई। इस घटना के बाद से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की गई थी।
नई प्रणाली से समय और मैन पावर की बचत
जेल प्रशासन के अनुसार, इस व्यवस्था से समय और जनशक्ति की भी बचत होगी। मुलाकात के दौरान अब हर व्यक्ति के झोले की अलग-अलग जांच नहीं करनी पड़ेगी। सभी सामान जेल के विशेष झोले में रखे जाएंगे और उसी दिन शाम को विधिवत जांच के बाद संबंधित बंदियों तक पहुंचा दिए जाएंगे।
जेल प्रशासन की टिप्पणी
जिला जेल के सुपरिटेंडेंट सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि “एक ही नंबर के टोकन व झोला बनवाने के पीछे मकसद बंदियों की सुरक्षा है। मुलाकात के लिए स्वजन को भेजने के दौरान एक-एक व्यक्ति को चेक कराने में मैन पावर के साथ समय बर्बाद होता है। नई व्यवस्था में बंदियों के सामान जेल के झोले में भरे जाएंगे और उसी दिन शाम को विधिवत चेकिंग के बाद संबंधित तक पहुंचाया जाएगा। बंदी टोकन नंबर के जरिए आने झोले की पहचान कर सकेंगे।”
