वाराणसी
वाराणसी को जाम से मिलेगी मुक्ति, फ्लाईओवर का होगा विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था शिलान्यास, PWD ने शुरू किया प्रोजेक्ट
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के दौरान घोषित किए गए फुलवरिया फोरलेन और शिवपुर मार्ग को सुगम बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मंडुवाडीह और भिखारीपुर चौराहों पर फ्लाईओवर निर्माण की बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं पर अब कार्य प्रारंभ हो चुका है। इन फ्लाईओवर्स के निर्माण से वाराणसी शहर को ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी राहत मिलेगी।
मंडुवाडीह फ्लाईओवर: 342 मीटर लंबा, 56.73 करोड़ की लागत
मंडुवाडीह चौराहे पर बनने वाला फ्लाईओवर 342 मीटर लंबा होगा। यह फ्लाईओवर चौराहे से लगभग 25 मीटर पहले उठेगा और बनारस रेलवे स्टेशन के प्रवेशद्वार के पास उतरेगा। परियोजना की कुल लागत 56.73 करोड़ रुपये है। फ्लाईओवर की चौड़ाई 10.50 मीटर होगी, जबकि इसके साथ बनने वाली सर्विस लेन की चौड़ाई 5.5 मीटर निर्धारित की गई है।
इस फ्लाईओवर की विशेषता यह होगी कि चौराहे पर ‘डमरू’ और ‘त्रिशूल’ की भव्य संरचनाएं स्थापित की जाएंगी, जो काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करेंगी।
भिखारीपुर फ्लाईओवर: 1075 मीटर लंबा, 18 पिलरों पर खड़ा होगा
भिखारीपुर तिराहे पर बनने वाला फ्लाईओवर 1075 मीटर लंबा होगा और इसे कुल 18 पिलरों पर खड़ा किया जाएगा। इसकी लागत 18 करोड़ 84 लाख रुपये निर्धारित की गई है। यह फ्लाईओवर भी 10.50 मीटर चौड़ा होगा और इसके साथ सर्विस लेन की चौड़ाई भी 5.5 मीटर होगी।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ
इन दोनों फ्लाईओवर्स के निर्माण से प्रयागराज की दिशा से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को वाराणसी शहर में प्रवेश करने में सुविधा होगी। एयरपोर्ट से बीएचयू तक की दूरी तय करने में लगने वाला समय कम होकर लगभग 40 मिनट रह जाएगा। साथ ही बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचना भी आसान और त्वरित होगा।
कैंसर अस्पताल सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों तक आने-जाने में मरीजों और उनके परिजनों को विशेष राहत मिलेगी। उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे आसपास के राज्यों से भी लोग इलाज के लिए यहां आते हैं।
फुलवरिया तिराहा हो रहा आकर्षक
फुलवरिया तिराहे पर सौंदर्यीकरण कार्य भी तेज़ी से चल रहा है। यह तिराहा अब फुलवरिया फोरलेन के साथ मंडुवाडीह फ्लाईओवर को भी जोड़ने का काम करेगा, जिससे पूरे क्षेत्र में ट्रैफिक संचालन अधिक सुव्यवस्थित और सुगम हो सकेगा।
