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वाराणसी

वाराणसी के शिवाय सिंह ने रचा इतिहास

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वाराणसी/जयपुर। वाराणसी के कंचनपुर, चितईपुर निवासी मात्र 8 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी मास्टर शिवाय सिंह ने भारतीय शतरंज इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। शिवाय ने जयपुर में आयोजित “रॉयल जयपुर बिलो 1800 फिडे रेटिंग शतरंज टूर्नामेंट” को न सिर्फ जीता, बल्कि प्रतियोगिता के सभी मुकाबलों में अपराजेय रहते हुए यह खिताब अपने नाम किया।

इस स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता को इतनी कम उम्र में जीतने वाले शिवाय देश के प्रथम खिलाड़ी बन गए हैं। शतरंज के जानकारों के अनुसार यह उपलब्धि अब तक भारतीय शतरंज इतिहास में किसी भी उम्रदराज खिलाड़ी, यहां तक कि दक्षिण भारत के मजबूत शतरंज आधार वाले क्षेत्रों में भी नहीं देखी गई।

शिवाय की इस ऐतिहासिक जीत पर वाराणसी सहित पूरे उत्तर प्रदेश के शतरंज प्रेमियों में हर्ष की लहर है। उत्तर प्रदेश शतरंज संघ और वाराणसी के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ शतरंज खिलाड़ियों ने शिवाय को बधाई संदेश भेजे हैं।

वर्तमान महिला जिला चैंपियन (काशी सांसद खेलकूद प्रतियोगिता विजेता) डॉ. श्वेता भारती सहित प्रदेश के तमाम अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ियों ने भी शिवाय की उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

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शिवाय सिंह वर्तमान में आर्यन इंटरनेशनल स्कूल, वाराणसी में कक्षा 3 के छात्र हैं। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि ने उन्हें वाराणसी के साथ-साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है।

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