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पूर्वांचल

लोकसभा चुनाव में सपा के गढ़ में यादवों के वोट अपने पाले में लाने की कोशिश करेंगे मोहन यादव, होंगी जनसभाएं

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उत्तर प्रदेश। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ को कमजोर सीटों में शामिल किया है। आजमगढ़ क्लस्टर में शामिल पांच लोकसभा सीटों में यादव मतदाताओं की बड़ी संख्या हैं। एमपी के सीएम मोहन यादव के जरिये भाजपा संदेश देना चाहती है कि पार्टी में सामान्य यादव परिवार के व्यक्ति को मुख्यमंत्री का पद दिया गया है। पार्टी के दरवाजे यादव समाज के लिए खुले हैं। पार्टी बताएगी कि यादव समाज के नेताओं का राजनीतिक भविष्य भाजपा में ही सुरक्षित है।

भाजपा ने पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत चुनावों से पहले मोहन यादव का प्रदेश के यादव बहुल इलाकों में चुनावी दौरा शुरू कराया है। सूत्रों के मुताबिक मोहन आने वाले दिनों में मैनपुरी, कन्नौज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद सहित आलू पट्टी के अन्य यादव बहुल जिलों में भी चुनावी दौरा करेंगे। उनका पहला ही कार्यक्रम सपा प्रमुख अखिलेश यादव के परिवार की परंपरागत लोकसभा सीट मानी जाने वाले आजमगढ़ में रखा गया है। सपा संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव व पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां से सांसद रहे हैं।

सपा से रमाकांत यादव भी आजमगढ़ से सांसद रहे हैं, हालांकि रमाकांत 2009 में भाजपा से भी आजमगढ़ से सांसद रहे हैं। हालांकि, 2022 में हुए उपचुनाव में सपा ने धमेंद्र यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने उन्हें हरा दिया था। मोहन मंगलवार को आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास स्थित एक स्कूल परिसर में आयोजित पांच लोकसभा क्षेत्रों की चुनाव संचालन समिति की बैठक को संबोधित करेंगे।

यहां प्रत्येक जिले में 37 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसके बाद वह विधानसभा संयोजक, विधानसभा प्रभारी, जिलों के महामंत्री और विस्तारकों की बैठक को संबोधित करेंगे। तीसरे चरण में पांच जिलों के विधायक, सांसद, राज्यसभा सांसद, विधान परिषद सदस्य, 2022 में चुनाव लड़े प्रत्याशी, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य शामिल होंगे।

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