वाराणसी
रोहिंग्या-बांग्लादेशी शिनाख्त अभियान तेज, असम-बंगाल रवाना हुई पुलिस टीम
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने शहर में चिह्नित किए गए 500 रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए असम और पश्चिम बंगाल में विशेष टीम भेजी है। प्रारंभिक जांच के दौरान झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों का पता चलने के बाद 7 दिसंबर से 13 दिसंबर तक ऑपरेशन टार्च अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस को आशंका है कि विस्तृत जांच में संदिग्धों की संख्या और अधिक सामने आ सकती है।
पुलिस की टीम ने जब गांव-गांव जाकर सत्यापन किया, तो चोलापुर सहित कई ब्लॉकों में कुछ परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए। प्रशासन इस स्थिति को मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत गणना प्रपत्र भरने के अभियान से भी जोड़कर देख रहा है। अचानक गायब होने के मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है।
इससे पहले पुलिस दल शिवपुरवा स्थित ओपी सिंह के हाता में संदिग्ध व्यक्तियों का सत्यापन करने पहुंचा। जांच के दौरान अधिकांश लोगों ने स्वयं को भारतवासी बताने का प्रयास किया, किंतु पुलिस को वे संदिग्ध प्रतीत हुए। उनकी वास्तविक पहचान की पुष्टि के लिए पुलिस टीम असम और पश्चिम बंगाल रवाना हुई है। टीम की वापसी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान कर स्थानीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। शहर में संदिग्ध गतिविधियों में बढ़ोतरी से लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
वाराणसी पुलिस का यह प्रयास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टीम की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही तय होगी।
