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वाराणसी

रोपवे का लोड टेस्ट शुरू, मई तक संचालन की तैयारी

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वाराणसी। देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना को मई तक आमजन के लिए शुरू करने की दिशा में कार्य तेज हो गया है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) द्वारा परियोजना को अंतिम चरण में पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में तीन दिन पूर्व पहले चरण का भार परीक्षण आरंभ किया गया है।

रोपवे पर 50-50 किलोग्राम रेत से भरी बोरियों के माध्यम से कुल 800 किलोग्राम भार डालकर परीक्षण किया जा रहा है। यह परीक्षण छह मीटर प्रति सेकंड की अधिकतम गति पर 25 जनवरी तक चलेगा। इसके उपरांत स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से आने वाले विशेषज्ञों की देखरेख में पांच से छह चरणों में सुरक्षा मानकों के अनुरूप परीक्षण किए जाएंगे।

दूसरे चरण का लोड टेस्ट रथयात्रा से गोदौलिया तक रोपवे निर्माण पूर्ण होने के बाद प्रारंभ होगा। अंतिम चरण में कैंट, विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया तक पूरे रोपवे कॉरिडोर का भार परीक्षण किया जाएगा। निर्माण कंपनी विश्वसमुद्र को मार्च 2026 तक गोदौलिया स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। अप्रैल के पहले सप्ताह तक रथयात्रा से गोदौलिया तक लगभग एक किलोमीटर लंबी रोप पुलिंग शुरू करने की योजना है।

परियोजना के तहत 10 में से आठ टावर लगाए जा चुके हैं। वर्तमान में ड्राइव स्टेशनों पर इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है। सिस्टम से उत्पन्न होने वाली ध्वनि को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ब्रेकिंग सिस्टम, केबिन जोड़ने वाले हिंज का संतुलन तथा सभी बाईपास सिस्टम को मुख्य नियंत्रण प्रणाली से जोड़ने का कार्य जारी है।

रोपवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था एयरपोर्ट की तर्ज पर होगी। इसके लिए राज्य सुरक्षा बल की तैनाती का प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल किराया तय नहीं किया गया है, हालांकि कैंट से गोदौलिया तक संभावित किराया 50 रुपये हो सकता है। टिकट दरों को किफायती रखने के उद्देश्य से स्टेशनों को केवल ट्रांजिट पॉइंट तक सीमित न रखते हुए मल्टी-स्टोरी कमर्शियल स्पेस, बजट होटल और ऑफिस स्पेस के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब तक लगभग दो लाख वर्गफीट क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है, जिससे आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।

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रोपवे संचालन की निगरानी के लिए उन्नत नियंत्रण कक्ष से सेंसर आधारित 24 घंटे निगरानी की जाएगी। आपात स्थिति में गोंडोला स्वतः निकटतम स्टेशन तक पहुंच जाएगा। सहायक मोटर और जनरेटर हर समय उपलब्ध रहेंगे। प्रशिक्षित बचाव दल क्रेन की सहायता से राहत कार्य करेगा तथा गोंडोला को बाहर से खोला जा सकेगा। सुरक्षा के लिए चार स्तरों पर प्रमाणन किया जाएगा, जिसमें कंसेशनेयर, सुरक्षा सलाहकार, स्वतंत्र इंजीनियर और रोपवे निरीक्षक शामिल होंगे।

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