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वाराणसी

राष्ट्र व्यापी जनसमाज पर गांधी का प्रभाव अद्भुत एवं बेमिसाल था – मुख्य अतिथि प्रो. नागेंद्र पाण्डेय

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मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बनाने में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं संस्कृति का योगदान रहा – कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा

इंडियन सोसाइटी आफ गांधियन स्टडीज के 44 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आज सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के हेरिटेज मुख्य भवन सभागार में उद्घाटन करते हुये मुख्य अतिथि एवं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो.नागेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रव्यापी भारतीय जनसमाज पर गांधी का प्रभाव अद्भुत एवं बेमिसाल था। प्रयोगधर्मा गांधी को ज्ञान एवं कर्म के समन्वय ने महात्मा बना दिया और देश के गांवों तक फैले आम लोगों पर उनके प्रभाव ने स्वराज के जनान्दोलन की भावभूमि रची। उन्होंने कहाकि गांवों में जहां गांधी लोकगीतों का हिस्सा थे, वहीं उनके निधन के बाद गांव गांव जहां श्रद्धांजलि सभा में हुई, वहां गांधी के चबूतरे, समाधियां या मजारें बन गई थीं। जीवन में सत्य के गांधी के प्रयोग एवं आग्रह ने गांधी और गांधीवाद को भारत ही नहीं, सारी दुनिया में सर्वकालिक प्रासंगिकता प्रदान कर दी। अध्यक्षीय उद्बोधन– उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण करते हुये कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि पश्चिमी शिक्षा दीक्षा से निकले मोहन को महात्मा बनाने में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं संस्कृति के प्रभाव का गहरा योगदान था। महात्मा वह होता है, जो ज्ञान को आचरण में उतारें और गांधी उसके प्रतिमान थे। त्याग, सेवा, समर्पण, अनुशासन और सत्याग्रह ने गांधी को आदर्श एवं अनुकरणीय महानायक बनाया। मुख्य वक्ता– मुख्य वक्ता एवं सोसायटी की निवर्तमान अध्यक्ष प्रो.शीला राय ने कहाकि भारतीय मनीषा की भावभूमि पर खड़ा गांधी दर्शन मानव जीवन के सभी आयामों को स्पर्श करने के साथ उनकी चुनौतियों के समाधान की राह प्रदान करता है। सोसाइटी अध्यक्ष- सोसाइटी के वर्तमान अध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार राय ने संस्कृत विश्वविद्यालय सहित बनारस एवं उसकी अग्रणी शिक्षण संस्थाओं के साथ गांधीजी के सम्बन्धों एवं राष्ट्रीय जीवन पर पड़े उसके प्रभावों पर प्रकाश डालने के साथ अधिवेशन के शैक्षणिक उद्देश्यों को रेखांकित किया। स्वागत और अभिनंदन- स्वागताध्यक्ष प्रो.राम प्रकाश द्विवेदी ने स्वागत भाषण करते हुये अतिथियों और विभिन्न प्रांतों से आये गांधी दर्शन के विद्वानों एवं शोधार्थियों का काशी में तीसरी बार हो रहे अधिवेशन में स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन संयोजक प्रो.राजनाथ एवं संचालन संयोजन सचिव प्रो. शैलेश कुमार मिश्र ने किया। उद्घाटन सत्र उद्घाटन सत्र के बाद महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर की पूर्व कुलपति प्रो.चन्द्रकला पाडिया ने “व्यक्ति और समाज : गांधी दृष्टि” विषयक प्रथम प्रो.राम कृष्ण मणि त्रिपाठी व्याख्यान दिया। विशेष व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता बीएचयू के अंग्रेजी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो.कृष्ण मोहन पाण्डेय ने की और संचालन प्रो. आर.पी.द्विवेदी ने किया। इसके उपरांत दो तकनीकी सत्र जहां संचालित हुये, वहीं सायं काल प्रार्थना और शास्त्रीय नृत्य की सांस्कृतिक संध्या नियोजित थी। उद्घाटन सत्र में अधिवेशन स्मारिका का लोकार्पण भी हुआ, जिसमें प्राप्त शोध पत्रों के सारांश भी समाविष्ट हैं।

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