अपराध
राजकीय चिकित्सालय के बाहर से मरीजों को गुमराह कर निजी अस्पतालों में पहुंचा रहे प्राइवेट एंबुलेंस चालक

चंद कमीशन के लालच में मरीजों व उनके तीमारदारों पर डाल रहे आर्थिक बोझ
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी । एक ओर देश तथा सूबे की सरकार आम आदमी के स्वास्थ्य को लेकर जहां विभिन्न तरह की योजनाओं के तहत उनका निःशुल्क उपचार व जांच की व्यवस्था कर रही है तो वही सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़े होने वाले प्राइवेट एंबुलेंस चालक चंद कमीशन के लालच में मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचा कर उन्हें उन्हें आर्थिक बोझ तले दबाने का काम कर रहे हैं । इससे जहां सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है, वही प्राइवेट अस्पताल संचालक रुपया कमा कर मालामाल हो रहे हैं । बताते चलें कि इन दिनों डेंगू समेत कई संक्रमित बीमारियां फैली हुई है । जिसके चलते सरकारी तथा निजी चिकित्सालय में बीमारी के चलते मरीजों की भरमार हो गई है । देखा जाए तो सरकारी अस्पतालों की तुलना में मरीज निजी अस्पतालों में अच्छी देखरेख की सोच कर ज्यादा भर्ती हो रहे हैं । जबकि सरकारी अस्पतालों में हर तरह की जांच व दवाएं मुफ्त है तो वही निजी अस्पतालों में संचालक उनका जमकर दोहन करते हैं । बावजूद इसके आर्थिक रूप से कमजोर, मध्यम श्रेणी के तथा गरीब लोग हैं सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने को जाते हैं । लेकिन यहां से भी उन्हें गुमराह कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का वास्ता देकर अस्पतालों के बाहर खड़े प्राइवेट एंबुलेंस चालक चंद कमीशन के फेर में निजी अस्पताल पहुंचा दे रहे हैं जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है । इसकी एक बानगी राजकीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के बाहर देखी जा सकती है । जहां अस्पताल के बाहर खड़े प्राइवेट एंबुलेंस चालक रात में यहां आने वाले मरीजों को बाहर ही रोक कर गुमराह करते हुए कम पैसे में अच्छे इलाज का सब्जबाग दिखाकर उन्हें पहड़िया, पांडेपुर, सारनाथ के निजी अस्पतालों में पहुंचा कर उनका दोहन करने में लगे हुए हैं । ऐसे एंबुलेंस चालकों को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करने की सख्त आवश्यकता है जिससे मरीजों का आर्थिक दोहन रोका जा सके ।