वाराणसी
राघवेंद्र चौबे ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई को बताया प्रोपेगंडा

कांग्रेस ने शुरू किया ‘आपके द्वार’ अभियान, राघवेंद्र चौबे बोले– असली जनसुनवाई हम कर रहे हैं
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ वर्षों में पहली बार जनसुनवाई करने का दावा किया, लेकिन यह जनसुनवाई जनता के लिए नहीं बल्कि भाजपा पदाधिकारियों तक ही सीमित रह गई। विभागीय तस्वीरों ने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री के सामने केवल चुनिंदा भाजपा नेता बैठे थे, जबकि असली फरियादी—गाँवों और मोहल्लों से अपनी समस्याएँ लेकर आए लोग—को गेट पर ही रोक दिया गया। घंटों तक इंतज़ार करने के बावजूद जनता अपनी बात मुख्यमंत्री तक नहीं पहुँचा सकी।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की यह जनसुनवाई जनता नहीं बल्कि भाजपा नेताओं की सुनवाई थी। लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को दरकिनार कर भाजपा सरकार ने एक बार फिर प्रोपेगंडा और इवेंट मैनेजमेंट का सहारा लिया। काशी की जनता वर्षों से भ्रष्टाचार, अपराध, बेरोज़गारी, सीवर-जलभराव और टूटी सड़कों जैसी समस्याओं से जूझ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के सामने इन मुद्दों की जगह केवल फोटोशूट और राजनीतिक नारेबाज़ी को तवज्जो दी गई।
कांग्रेस नेता चौबे ने आगे कहा कि भाजपा के 8 साल केवल प्रचार और दिखावे में बीते हैं। काशी में विकास के नाम पर विनाश हो रहा है। गंगा घाटों पर सौंदर्यीकरण की चमक के पीछे मोहल्लों में गड्ढों और नारकीय हालात छिपाए जा रहे हैं। यह डबल इंजन सरकार असल में डबल धोखा साबित हुई है।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ‘कांग्रेस आई आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत पिछले दस दिनों से हर वार्ड में पदयात्राएँ कर रही है, जनता की समस्याओं को सुन रही है और उनका दस्तावेज़ीकरण कर रही है। यही कांग्रेस का असली धर्म है—जनता की आवाज़ को उठाना और जनहित की लड़ाई लड़ना।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी से सवाल किया कि जब वे हर महीने वाराणसी आते हैं तो जनता से सीधे संवाद करने में आठ साल क्यों लग गए? और जब जनसुनवाई हुई भी तो आमजन को भीतर क्यों नहीं आने दिया गया? जनता की समस्याएँ अब इवेंट मैनेजमेंट और सरकारी प्रचार से नहीं छिपेंगी। काशीवासी भाजपा सरकार की संवेदनहीनता से ऊब चुके हैं और आने वाले समय में करारा जवाब देंगे।