मिर्ज़ापुर
मिर्जापुर : कृमि मुक्ति अभियान में नौ लाख बच्चों को दी गई दवा

छूटे हुए बच्चों को 14 फरवरी को मिलेगा मौका
मिर्जापुर में बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 10 फरवरी को जिलेभर में कृमि मुक्ति अभियान चलाया। इस दौरान सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, ईंट भट्ठों और मलिन बस्तियों में रहने वाले लगभग 9 लाख बच्चों को एलबेंडाजोल दवा खिलाई गई। अभियान की शुरुआत नगर स्थित एक राजकीय इंटर कॉलेज से हुई, जहां करीब 300 बच्चों ने दवा ली। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सी.एल. वर्मा ने किया, जबकि जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश तिवारी ने इसकी जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरियों को कृमिनाशक दवा एलबेंडाजोल दी गई। इस बार पूरे जिले में लगभग 13 लाख बच्चों को चिह्नित किया गया था। जो बच्चे इस दिन दवा लेने से छूट गए, उन्हें 14 फरवरी को दवा दी जाएगी।
नोडल अधिकारी डॉ. वी.के. भारती ने बताया कि यह अभियान हर साल दो बार चलाया जाता है। पिछली बार करीब 11 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा दी गई थी। इस बार स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास विभाग समन्वय बनाकर बच्चों को दवा देने का कार्य कर रहे हैं।
एलबेंडाजोल एक प्रभावी कृमिनाशक दवा है, जो पेट के कीड़ों को खत्म करती है। 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर, 2 से 3 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली पीसकर और 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को चबाकर खाने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालयों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बच्चे दवा लेने से पहले कुछ खाकर आएं। इस संबंध में अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश तिवारी ने बताया कि पेट के कीड़े बच्चों में कुपोषण और खून की कमी का कारण बनते हैं, जिससे वे हमेशा थकान महसूस करते हैं और उनका शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है। इससे बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखना, हाथ धोकर भोजन करना और साफ-सफाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।