वाराणसी
मां अन्नपूर्णा के दरबार में खजाने की बरसात, धनतेरस पर भक्तों ने मांगी समृद्धि की कामना

वाराणसी। धनतेरस के पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित बाबा दरबार क्षेत्र में मां अन्नपूर्णा के विग्रह पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। मंगला आरती के उपरांत माता की आरती के साथ भक्तों के बीच प्रसाद स्वरूप खजाना वितरण की शुभ शुरुआत हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और मां अन्नपूर्णा से अन्न और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मां अन्नपूर्णा को अन्न और धन की देवी माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि उनकी कृपा से किसी के घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती। यही कारण है कि धनतेरस के दिन उनकी पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
विदेश से लौटकर बाबा दरबार में विराजीं मां अन्नपूर्णा
मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह वही अन्नपूर्णा मूर्ति है जिसे वर्षों पहले काशी से चोरी कर विदेश ले जाया गया था। बाद में भारत सरकार के प्रयासों से इसे वापस लाया गया और बाबा दरबार परिसर में पुनः स्थापित किया गया।

मूर्ति की पुनःस्थापना के बाद से ही परंपरागत रूप से धनतेरस के दिन खजाना वितरण की परंपरा आरंभ की गई थी, जो इस वर्ष भी पूरे विधि-विधान से संपन्न हो रही है। यह कार्यक्रम आगामी अन्नकूट पर्व (22 अक्टूबर 2025) तक चलेगा।
भक्तों की उमड़ी भीड़, मां से मांगी समृद्धि की कामना
धनतेरस का पर्व समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु नए बर्तन, सोना-चांदी आदि खरीदकर लक्ष्मी और अन्नपूर्णा का स्वागत करते हैं। बाबा दरबार में भी भक्तों ने इसी भावना के साथ आरती में भाग लिया और परिवार तथा समाज की समृद्धि की कामना की। मंदिर परिसर में पूरे दिन भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व प्रसाद वितरण की सुव्यवस्थित व्यवस्था की थी।
धनतेरस और अन्नपूर्णा पूजा का महत्व
भारतीय संस्कृति में धनतेरस न केवल लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, बल्कि यह माँ अन्नपूर्णा की आराधना से भी जुड़ा है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से मां अन्नपूर्णा की पूजा करता है, उसके घर अन्न-धन की कभी कमी नहीं रहती।