मिर्ज़ापुर
महिलाओं के प्रति पुरुष समाज को बदलनी होगी सोच : जिला न्यायाधीश
मिर्जापुर। त्रिवेणी संस्था द्वारा आयोजित संगोष्ठी में जनपद न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने ‘परिवार एवं समाज में नारी की भूमिका’ पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुरुष समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी। उन्होंने नारी के मनोभावों को समझने और प्राचीन काल से चली आ रही संकीर्ण मानसिकता को बदलने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि नारी समाज का मूल्यांकन करते समय न्यायपूर्ण समीक्षा आवश्यक है। आज महिलाएं न केवल पारिवारिक दायित्वों को निभा रही हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रचनात्मक कार्य कर रही हैं और कई क्षेत्रों में पुरुषों से आगे भी निकल रही हैं, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में जिला न्यायधीश ने यह भी उम्मीद जताई कि परिवार और समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक महिला को अपने पिता के घर से ससुराल में कदम रखते समय अपनी जीवनचर्या पूरी तरह से बदलनी पड़ती है, और यह कोई जादू से नहीं हो सकता।
कार्यक्रम की शुरुआत में त्रिवेणी संस्था के कार्यों की व्याख्या करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि संस्था के प्रयासों में गंगोत्री से नहीं, बल्कि समुद्र के खारेपन से एक नई धारा निकलती हुई दिखाई देती है। इस संदर्भ में, उन्होंने महिलाओं पर लगने वाले लांछनों की भी निंदा की, विशेष रूप से भोजपुरी गीतों में महिलाओं के प्रति अश्लीलता के प्रसार को लेकर दुःख व्यक्त किया।

उन्होंने पति-पत्नी के रिश्तों को नए ढंग से परिभाषित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। संगोष्ठी में पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी, अधिवक्ता सुरेश त्रिपाठी, यूनाइटेड इंश्योरेंस के पूर्व अधिकारी केशव नारायण पाठक, पत्रकार राजेन्द्र तिवारी और शिक्षिका स्नेहलता द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन सलिल पांडेय ने किया, जबकि स्वागत गीत सारिका चौरसिया ने प्रस्तुत किया। संस्था के अध्यक्ष रवींद्र कुमार पांडेय ने जिला न्यायाधीश का स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापन अमान उल्ला अंसारी ने किया।
