वाराणसी
महाकुंभ 2025 का पर्यटन बूम: वाराणसी के होटल्स और क्रूज की बुकिंग 12 मार्च तक फुल

वाराणसी। महाकुंभ 2025 के प्रभाव से वाराणसी में पर्यटन उद्योग चरम पर है। शहर के होटलों और गंगा क्रूज की बुकिंग 12 मार्च तक पूरी तरह फुल हो चुकी है। खासतौर पर महानगरों, कॉरपोरेट हाउसेज और महिला ग्रुप्स द्वारा सबसे अधिक बुकिंग कराई गई है। अधिकतर बुकिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हो रही हैं, जिससे डिजिटल बुकिंग का ट्रेंड भी मजबूत हुआ है।
पर्यटकों की भारी मांग के कारण वाराणसी के पर्यटन कारोबार में जबरदस्त उछाल आया है। स्थिति यह है कि मनचाही कीमत देने के बावजूद भी होटलों में जगह मिलना मुश्किल हो गया है। गंगा किनारे मौजूद होटलों में कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं, और जो बचे हैं, वे भी जल्द भर रहे हैं। इसके अलावा, गंगा में नौका विहार का अनुभव लेने के लिए नाव और बजड़े की बुकिंग भी कठिन होती जा रही है। घाट किनारे के सभी होटल 20 मार्च तक पूरी तरह फुल हो चुके हैं।
नाव संचालक शंभु मांझी ने बताया कि न केवल महानगरों के बिजनेसमैन बल्कि दक्षिण भारतीय पर्यटक भी बड़े समूहों में वाराणसी आ रहे हैं और वे पहले से ही अपनी बुकिंग पक्की कर रहे हैं। इस बार बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो रही है। वाराणसी में कुल 1500 पंजीकृत नावें हैं, लेकिन मौजूदा पर्यटन भीड़ को देखते हुए 3000 से अधिक नावें चल रही हैं।
पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे ज्यादा बुकिंग 35 से 50 व्यक्तियों वाले समूहों द्वारा कराई जा रही है। होटल व्यवसाय से जुड़े संजीव साहनी के अनुसार, होली के आसपास छोड़कर इसके एक सप्ताह बाद तक लगभग सभी होटल बुक हो चुके हैं। टूरिस्ट प्रबंधक अनिल त्रिपाठी ने भी इस बात की पुष्टि की कि महाकुंभ के चलते हर होटल फुल है।
टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता के अनुसार, अधिकांश पर्यटक 5 दिन की बुकिंग करा रहे हैं। टूर ऑपरेटर अभिषेक सिंह ने बताया कि ट्रैवल डिमांड इतनी ज्यादा है कि आसपास के जिलों से छोटे चारपहिया वाहन मंगवाए जा रहे हैं। टूर ऑपरेटर अब पैकेज में होटल, ट्रांसपोर्टेशन और नाव की बुकिंग को भी शामिल कर रहे हैं ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें।
महाकुंभ में धार्मिक त्रिकोण बना पर्यटन ग्रोथ का नया इंजन
इस बार काशी, प्रयागराज और अयोध्या का धार्मिक त्रिकोण महाकुंभ यात्रियों के लिए सबसे बड़ी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। होटल व्यवसायी दीपक मिश्र के मुताबिक, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज के बाद काशी और अयोध्या की यात्रा कर रहे हैं। इससे वाराणसी के पर्यटन उद्योग को नया जीवन मिला है। अब यह केवल विदेशी पर्यटकों पर निर्भर नहीं रहा, बल्कि देशी पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
कोरोना के बाद से काशी विश्वनाथ धाम ने वाराणसी के पर्यटन को नई पहचान दी है, और अब महाकुंभ 2025 ने इसे और मजबूती दी है। वाराणसी में होटलों, ट्रांसपोर्ट और क्रूज टूरिज्म की जबरदस्त मांग ने पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।