वाराणसी
मच्छरजनित बीमारियों के हॉट स्पॉट क्षेत्रों में मंडलीय टीम ने किया सर्वेक्षण

तीन दिवसीय सर्वेक्षण में घर-घर जाकर की बुखार की स्क्रीनिंग व लार्वा जांच
नहीं मिला एक भी घर में बुखार का मरीज और सक्रिय लार्वा
वाराणसी। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण व बचाव के उद्देश्य से हाल ही में गठित हुई मण्डल स्तरीय वेक्टर सर्विलान्स टीम ने जिले के प्रभावित (हॉट स्पॉट) क्षेत्रों में तीन दिवसीय सघन सर्विलान्स अभियान चलाया। *संयुक्त निदेशक व वेक्टर जनित बीमारियों के नोडल अधिकारी डॉ जीसी द्विवेदी* के दिशा-निर्देशन में टीम का गठन किया गया है। मंडलीय टीम ने डेंगू, मलेरिया सहित अन्य वेक्टर जनित रोग से पूर्व वर्ष में चिन्हित हुये प्रभावित क्षेत्रों का गहनता से सर्वेक्षण किया।
*डॉ द्विवेदी* ने कहा कि यह सर्वेक्षण 30 अगस्त से एक सितंबर चला। इसके तहत शहरी क्षेत्र में बीएलडब्ल्यू कैंपस, सुंदरपुर, लंका, गांधीनगर, जद्दुपुर, फुलवारिया, शिवपुर, कैंटोनमेंट, श्रीनगर कोलनी पहड़िया तथा ग्रामीण क्षेत्र में धौरहरा और चोलापुर में सघन सर्विलान्स अभियान चलाया गया। चार लोगों की टीम ने बायोलोजिस्ट व ज़ोनल एंटोमोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में कार्य किया। इसमें एसएलटी परशुराम गिरि व रामवचन तथा कीट संग्रहकर्ता केपी सिंह व संजीत कुमार शामिल थे।
*डॉ अमित* ने बताया कि इस तीन दिवसीय सर्विलान्स में टीम ने चिन्हित प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सभी सदस्यों की बुखार के लिए स्क्रीनिंग की। इसमें किसी भी व्यक्ति में बुखार व अन्य लक्षण नहीं पाये गए। इसके साथ ही सभी घरों में कूलर इत्यादि में लार्वा घनत्व और सक्रियता को गहनता से जांचा गया। इसमें किसी के भी घर में एडल्ट लार्वा नहीं पाया गया। सर्वेक्षण के दौरान टीम द्वारा साफ-सफाई एवं संचारी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक किया गया। लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में जांच व उपचार कराने की सलाह भी दी।
*इन बातों का विशेष ध्यान रखें –*
– घरों के आसपास जल जमाव न होने दें,
– छत पर एवं घर के अंदर निस्प्रयोज्य डिब्बे, पात्र जिसमे जल एकत्र हो सकता हो उसे खाली कर दें,
– कूलर में पानी न रहने दें या हर दूसरे दिन पानी बदलते रहें,
– फ्रिज के पीछे प्लेट में पानी एकत्र न होने दें
– गमलों, नारियल के खोल, या निस्प्रयोज्य टायर, टंकी को जरूर से साफ करवाते रहें, एवं उनमें पानी एकत्र न होने दें।
– मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें
– पूरी बांह के कपड़े पहने