वाराणसी
भूमिगत होंगे बिजली के तार, परियोजना को मिली मंजूरी

वाराणसी। शहर में बिजली के लटकते तारों को भूमिगत करने की योजना को मंजूरी मिल गई है। इस कार्य के लिए एलएनटी कंपनी ने सर्वे पूरा कर लिया है और उम्मीद है कि दीपावली के बाद इसका कार्य शुरू होगा। इस योजना के तहत कुल 881 करोड़ रुपये की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) स्वीकृत हुई है।
योजना के अनुसार इसमें 557 करोड़ रुपये बिजली के तारों को भूमिगत करने पर खर्च किए जाएंगे। डीआईजी कॉलोनी के सामने से चौकाघाट और चौकाघाट से नमो घाट तक के इलाके में कार्य प्रारंभ होगा। इसके तहत यातायात में बाधक पोल और ट्रांसफॉर्मर भी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएंगे। संकरी गलियों में एबीसी केबल लगाई जाएंगी ताकि तारों को व्यवस्थित किया जा सके और लटकते तार समाप्त हो जाएँ।
इस योजना के तहत, विद्युत पोलों को शिफ्ट किया जाएगा, जिसमें कुल 23 पोल शामिल हैं। सड़क किनारे लगे ट्रांसफॉर्मर को पार्क या सड़क से दूर स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। इस योजना के तहत 4639 स्ट्रीट लाइटों को अंडरग्राउंड केबल से जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा, भूमिगत किए जाने वाले विद्युत लाइनों में 33 केवी की 41.74 किलोमीटर लाइन, 11 केवी की 126.40 किलोमीटर लाइन, और लगभग 2000 किलोमीटर की एलटी लाइन शामिल है।
अधीक्षण अभियंता सर्किल-2, अनिल वर्मा के अनुसार, “आरडीएसएस के तहत बिजली के तारों को भूमिगत कराया जाना मुख्य कार्य है। दीपावली के बाद कार्य प्रारंभ होगा। संकरी गलियों में एबीसी केबल लगाकर तार व्यवस्थित किए जाएंगे, जिससे शहर में बिजली के लटकते तार समाप्त हो जाएंगे।”
इससे पूर्व पिछले वर्ष सितंबर में बिजली के साथ इंटरनेट केबल को व्यवस्थित करने का कार्य किया गया था, लेकिन कुछ दुकानदारों ने इंटरनेट बंद होने की आशंका जताकर इसका विरोध किया था। ठठेरी बाजार, गढ़वासी टोला, राजमंदिर और अन्य कई क्षेत्रों में यह समस्या बनी हुई है।
पार्षद (वार्ड संख्या-79) कनकलता मिश्रा ने कहा, “यह परियोजना शहरवासियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। लटकते तारों से सुरक्षा एवं सौंदर्य दोनों प्रभावित होते हैं। उम्मीद है कि कार्य समय पर पूरा होगा।”