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वाराणसी

भारत ही नहीं पूरी दुनिया की कम्पनियों में काम कर रहे हमारे छात्र: डॉ पंकज राजहंस

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी। माइक्रोटेक कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के दीक्षांत समारोह -2023 का भव्य आयोजन रविवार को बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में किया गया। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टी एन सिंह ने दीक्षांत भाषण में कहा कि तकनीकी शिक्षा के समक्ष कई चुनौतियां हैं और चुनौतियों के बिना काम करने में आनंद नहीं मिलता। आज के दौर में हुनर दिखाने की अपार सम्भावनाएं है। आप अपने भीतर हुनर विकसित कीजिए, सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि असफलता को भी स्वीकार करने की हिम्मत होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि माइक्रोटेक कॉलेज तकनीकी शिक्षा देने में अग्रणी रहा है और अपनी उपलब्धियों के बल पर ही कई पुरस्कार प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि छात्र के विकास में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। छात्र अपने माता पिता और शिक्षण संस्था पर गौरव महसूस करें क्योंकि समाज में आपको प्रतिस्थापित करने में इन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

विशिष्ट अतिथि आईआईटी बीएचयू के कंप्यूटर साइंस के डीन प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि माइक्रोटेक कॉलेज अपनी मेहनत से आगे बढ़ा है और आज शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आज का युग कंप्यूटर साइंस का है। यह क्षेत्र बहुत व्यापक है। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप अपने अंदर स्किल डेवलप करें ताकि आप में उद्यमिता विकसित हो और आप अपने स्टार्टअप से दूसरों को रोजगार दे सकें।

विशिष्ट अतिथि मैनेजमेंट स्टडीज बीएचयू के डीन प्रोफेसर एचपी माथुर ने कहा कि नई शिक्षा नीति से बहुत बदलाव आएगा। माइक्रोटेक कॉलेज भी नई शिक्षा नीति के अनुकूल परिवर्तन कर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने का मतलब केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी कुशलता का विकास करना है ताकि बाजार में रोजगार मिल सके। विद्यार्थियों को आधुनिक होना पड़ेगा और कम्युनिकेशन स्किल को विकसित करना होगा। छात्रों को एमएस एक्सेल की आधुनिक जानकारी रखना जरूरी है क्योंकि की हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। नियमित अध्ययन से ही ज्ञान को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि छात्र रोजगार लेने के लिए नहीं रोजगार देने का प्रयास करें और यह स्टार्टअप से ही सम्भव है।

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संस्था के निदेशक पंकज राजहंस ने छात्रजीवन में गुरू के महत्व को बताते हुए श्लोक के माध्यम से गुरूजनों को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि माईक्रोटेक कालेज की स्थापना सन् 2000 में हुई थी। आज यह 23 साल का युवा वृक्ष बनकर तैयार हुआ है। इस शानदार सफर में अब तक संस्थान से 15000 छात्र निकले जिसमें से 10000 छात्र भारत ही नहीं दुनिया भर की कई कंपनियों में काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक संस्था को उसके प्रदर्शन के लिए 50 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। इस उपलब्धि में संस्था के हर सदस्य का महत्वपुर्ण योगदान रहा है। हमारी पहचान छात्रों की पहचान से है। आपकी तरक्की हमारी और हमारे संस्थान की तरक्की है।

इसके पूर्व दीक्षांत समारोह का शुभारंभ शैक्षणिक यात्रा व दीप प्रज्वलन से हुआ। माइक्रोटेक कॉलेज के निदेशक डॉ पंकज राजहंस ने अतिथियों का अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत व सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्था के महासचिव नीरज राजहंस की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
माइक्रोटेक कॉलेज के 50 छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।

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