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चन्दौली

“भारतीय संस्कृति की धरोहर को कलाकारों ने रखा है जीवित” : विजय गुप्ता

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पीडीडीयू नगर (चंदौली)। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अस्मिता नाट्य संस्थान द्वारा गुरुवार को स्थानीय मंच पर नाटक ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’ का शानदार मंचन किया गया। इस नाटक के माध्यम से देश में बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के कारण आम जनता की दयनीय स्थिति को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।

नाटक ने दिखाया कि कैसे आम आदमी की आमदनी कम और खर्चा अधिक होता जा रहा है, जिससे उसे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज या उधार का सहारा लेना पड़ रहा है। साथ ही, यह भी दर्शाया गया कि धर्म और राजनीति की आड़ में जनता को गुमराह किया जा रहा है, जिससे वे अपने असली मुद्दों से भटक जाते हैं।

कार्यक्रम के दौरान संस्था के महासचिव विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि आज रंगमंच की दुनिया धीरे-धीरे वीरान होती जा रही है। सरकार की ओर से इस कला को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है, जिससे युवा पीढ़ी भी इससे दूर होती जा रही है। हालांकि, कुछ समर्पित रंगकर्मी अभी भी भारतीय संस्कृति और लोक कलाओं को जीवित रखने का कार्य कर रहे हैं।

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इस नाटक के लेखक एवं निर्देशक ऋषि कुमार गुप्ता रहे। मंच पर नीलम वर्मा, आकाश पांडेय, देवेश कुमार, रवि शंकर, राकेश अग्रवाल और अजय गुप्ता जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने दमदार अभिनय कर दर्शकों को प्रभावित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी रतनलाल श्रीवास्तव थे, जबकि अध्यक्षता डॉ. राजकुमार गुप्ता ने की। मंच सज्जा का कार्य हेमंत कुमार विश्वकर्मा ने संभाला, जबकि रूपसज्जा की जिम्मेदारी जमील सिद्दीकी ने निभाई।

नाटक के संवाद और दृश्यांकन ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। महंगाई और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं को सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया गया, जिससे लोग खुद को इस कहानी से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे थे।

अस्मिता नाट्य संस्थान ने सरकार और समाज से अनुरोध किया कि वे रंगमंच को पुनर्जीवित करने के लिए आगे आएं और कलाकारों को प्रोत्साहन दें। संस्था ने यह भी कहा कि रंगमंच समाज का आईना है, जिसे जीवित रखना बेहद जरूरी है।


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