चन्दौली
भागवत से होता है मानव को कर्तव्यबोध-आचार्य गणेश

चहनियां, (चंदौली)। मारूफपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को कथा व्यास आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है। इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं।
कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है।
उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है। उन्होंने समुद्र मंथन, मोहिनी अवतार, कच्छप अवतार, बावन अवतार सहित अन्य कथाएं सुनाकर श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। मुख्य यजमान राममूर्ति पाण्डेय, अखिलेश पाण्डेय, उमेश पाण्डेय, दुर्गेश पाण्डेय ने कथा की शुरुआत में मंच पूजन व आरती उतार करके और कथा व्यास आचार्य गणेश त्रिपाठी जी को माल्यार्पण कर व अंगवस्त्र देकर कराया।
इस दौरान मुख्य रुप से सूबेदार मिश्र, अजय सिंह, ग्राम प्रधान श्रवण यादव, रामलक्षन यादव, रामजी यादव, राम नरेश शर्मा, जेई भृगुनाथ प्रसाद, लालबिहारी पाण्डेय, जग्गन मिश्रा, विद्याधर मिश्रा, रेंगई मिश्रा आदि उपस्थित रहे।