वाराणसी
“भगवान को प्रसन्न करने का सबसे बड़ा साधन है प्रेम” : रामानुज वैष्णव दास महाराज
वाराणसी। जनपद के मिर्जामुराद क्षेत्र के प्रतापपुर गांव में चल रही सप्तदिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास संत श्री रामानुज वैष्णव दास जी महाराज ने भक्तों को प्रेम के महत्व का ज्ञान कराया। उन्होंने कहा कि भगवान को प्रसन्न करने का सबसे बड़ा साधन प्रेम है। चाहे हम कितने भी फल, फूल, मिष्ठान, पकवान चढ़ाएं, यदि प्रेम नहीं है तो वह सब निरर्थक है।
संत श्री रामानुज जी ने श्रीरामचरितमानस का उल्लेख करते हुए कहा, “मिलहिं न रघुपति बीनु अनुरागा,” यानी प्रेम के बिना भगवान की कृपा नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने घर-परिवार में प्रेम और समर्पण नहीं बढ़ाएंगे, तब तक ईश्वर की सच्ची भक्ति संभव नहीं। भगवान शिव का परिवार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहाँ सभी सदस्य अलग-अलग स्वभाव और विचारधारा के होते हुए भी प्रेम और समन्वय के साथ रहते हैं।
श्रीराम कथा के दौरान संत रामानुज महाराज ने मानस की विभिन्न चौपाइयों की व्याख्या कर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा पंडाल हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठा और भक्तों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
इस धार्मिक आयोजन में पूर्व ग्राम प्रधान रूद्रप्रकाश सिंह, सुमन सिंह, ग्राम प्रधान बृजेश यादव, शैलेंद्र सिंह, राधेश्याम राजभर, सुरेश राजभर, बच्चा पांडे, दशरथ मिश्र, असीम सिंह, अजय कुमार सिंह, गिरिजा शंकर यादव, श्यामू पटेल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।