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बेहतर समाज के लिए महिलाओं की समान भागीदारी महत्वपूर्ण : डीवाई चंद्रचूड़

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सिर्फ सख्त कानूनों से नहीं हो सकती महिलाओं की सुरक्षा : डीवाई चंद्रचूड़

नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को एक निजी कार्यक्रम में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि, निजी और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों की कमी नहीं है। अकेले सख्त कानून से न्यायपूर्ण व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती। समाज के – पितृ सत्तात्मक रवैये को बदलने के लिए मानसिकता को बदलने की जरूरत है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें संस्थागत और व्यक्तिगत क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए। एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि निजी और सार्वजनिक स्थितियों में महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए लक्षित ठोस और प्रक्रियात्मक कानूनी प्रावधानों की कोई कमी नहीं है। लेकिन कड़े कानून अकेले न्यायपूर्ण समाज का निर्माण नहीं कर सकते।

जीवन के कुछ महान सबक मैंने अपनी महिला सहकर्मियों से सीखे हैं। मेरा मानना है कि बेहतर समाज के लिए महिलाओं की समान भागीदारी महत्वपूर्ण है। भारत के संविधान को अपनाने से पहले भारतीय महिला जीवन चार्टर का मसौदा हंसा मेहता ने तैयार किया था। वह नारीवादी थीं

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