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गाजीपुर

बेटी को मां का अंश मानकर करें पूजा : पं. हृषिकेश

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गाजीपुर। जिले के भांवरकोल क्षेत्र में नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन का पर्व भक्तिभाव और श्रद्धा से मनाया गया। हिंदू धर्म में कन्याओं को देवी के स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। परंपरा के अनुसार, घरों में छोटी कन्याओं को आमंत्रित कर चुनरी ओढ़ाई गई, तिलक लगाया गया और उन्हें स्वादिष्ट भोजन करवाकर आशीर्वाद लिया गया।

कन्या पूजन के बिना नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन कई परिवार ऐसे हैं जहां नौ कन्याओं की व्यवस्था संभव नहीं हो पाती। इस स्थिति में आचार्य पंडित हृषिकेश तिवारी ने बताया कि भक्त घर की बेटी या भतीजी को भी देवी का रूप मानकर पूजा कर सकते हैं।

इसके लिए मंदिर के सामने दीपक जलाकर संकल्प लें कि आप अपनी बेटी या घर की कन्या को माता का अंश मानकर पूजन कर रहे हैं। इसके बाद पूरे घर में जल का छिड़काव करें और कन्या को विधिपूर्वक आसन पर बिठाकर तिलक करें, मीठा भोजन करवाएं और यथासंभव दान दें।

कन्या पूजन में प्रसाद के रूप में सूखा नारियल, मखाना, मूंगफली, मिश्री आदि का उपयोग किया जा सकता है। पूजन के बाद प्रसाद का एक भाग मां के ध्यान में रखते हुए गाय को भी अर्पित करें।

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जिनके घर में बेटी नहीं है, वे भी इस परंपरा से जुड़ सकते हैं। आचार्य तिवारी के अनुसार, ऐसे भक्त मीठा प्रसाद बनाकर माता को अर्पित करें और उसे सुरक्षित रख लें। बाद में किसी कन्या को वह प्रसाद दान कर दें। एक कन्या की भी श्रद्धापूर्वक पूजा करने से माता रानी की कृपा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है।

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