वाराणसी
बीएचयू में छात्रों का निष्कासन, प्रशासन पर लगा उत्पीड़न का आरोप
वाराणसी (जयदेश)। पिछले कुछ वर्षों में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र-छात्राओं के खिलाफ कई बार उत्पीड़न हुआ है। चाहे वो आईआईटी की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप का मामला हो, बाबा साहब अंबेडकर के अपमान का सवाल हो या फिर मनुस्मृति के विरोध की बात हो, इन सभी मुद्दों पर उठाए गए सवालों के कारण छात्रों को निष्कासित कर दिया गया और गलत मुकदमें में फंसा दिया गया।
वहीं, दलित मजदूरों की कज्जाकपुरा की वाल्मीकि बस्ती पर प्रशासन ने कब्जा करना शुरू कर दिया है, जहां सैकड़ों महिलाएं और बच्चे ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। रामनगर के ऐतिहासिक स्वरूप को भी ध्वस्त किया जा रहा है और किसानों की भूमि को जबरन हड़पने का कार्य जारी है।
इसके खिलाफ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, आप, किसान-मज़दूर, व्यापारी, सामाजिक और नागरिक संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अहम बैठक कांग्रेस के कैंप कार्यालय लहुराबीर में हुई। बैठक में वक्ताओं ने भारतीय संविधान की धारा 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अहमियत पर जोर दिया और इसे देश की जनता का अधिकार बताया।
बैठक में उ.प्र. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव की हार को यह सरकार पचा नहीं पा रही है और इसी कारण बनारस के छात्र, मजदूर, किसान, व्यापारी और नागरिक समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने गांधी जी की शहादत दिवस पर सरकार के खिलाफ प्रतिकार की योजना बनाई है।
सपा के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ पहलवान ने कहा कि समाजवादी पार्टी बनारस की तहजीब और सभ्य समाज की रक्षा के लिए तानाशाही सरकार के खिलाफ संघर्ष करेगी। बैठक में कांग्रेस और सपा के नेताओं के अलावा अन्य कई प्रमुख नेता और संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।