सोनभद्र
बिजली कर्मचारियों का निजीकरण विरोध, बांधी काली पट्टी

सोनभद्र। बिजली अभियन्ताओं और कर्मचारियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में निजीकरण के खिलाफ काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। अनपरा के विद्युत अभियन्ताओं ने भी इस आंदोलन में भाग लिया जिसमें उन्होंने निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
संघर्ष समिति के सदस्य शैलेन्द्र दुबे और अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सोमवार को कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रकाशित होने के बाद बिजली कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ गया।
इस निर्णय के तहत सभी अभियन्ताओं ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया।संघर्ष समिति ने यह भी कहा कि पावर कारपोरेशन के प्रबंधन द्वारा संविदा कर्मियों की छटनी की कोशिश की जा रही है जो उनके अनुसार, कर्मचारियों में भय फैलाने और निजीकरण को तेजी से लागू करने की योजना का हिस्सा है।
समिति ने यह चेतावनी दी कि वे किसी भी हाल में इस योजना को सफल नहीं होने देंगे। प्रबंधन द्वारा यह दावा किया गया कि निजीकरण नहीं बल्कि पीपीपी मॉडल पर भागीदारी होगी, लेकिन टेंडर नोटिस में स्पष्ट रूप से पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण होने का जिक्र है।
संघर्ष समिति ने यह भी आरोप लगाया कि निजीकरण के लिए टेंडर नोटिस उसी दिन प्रकाशित किया गया, जब प्रयागराज में शताब्दी का सबसे बड़ा महाकुम्भ शुरू हुआ था। उनका कहना था कि यह जानबूझकर ऊर्जा निगमों में अशांति का वातावरण पैदा करने की साजिश है जबकि बिजली कर्मी महाकुम्भ की सफलता के लिए मेहनत कर रहे हैं।