वाराणसी
बाढ़ राहत कार्य में जुटी कांग्रेस, प्रशासनिक उपेक्षा पर जताई नाराजगी

वाराणसी। गंगा के बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश से बाढ़ की चपेट में आये वाराणसी के इलाकों में कांग्रेस पार्टी ने मानवीय सेवा की मिसाल पेश की है। महानगर कांग्रेस कमेटी, वाराणसी के नेतृत्व में दक्षिणी विधानसभा, कैंट, वरुणा पार और वरुणा इस पार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण का अभियान चलाया गया।
बाढ़ पीड़ितों तक सहायता पहुंचाने के इस प्रयास की कमान महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में संभाली गई। राहत कार्य के दौरान कांग्रेसजनों ने खाद्य सामग्री, पीने का पानी, मोमबत्ती, माचिस, साबुन और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित कीं ताकि बाढ़ में फंसे परिवारों को थोड़ी राहत मिल सके। लेकिन इस मानवीय सेवा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकारी स्तर पर किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला, जिसे लेकर पार्टी ने गंभीर नाराज़गी जताई है।
राघवेंद्र चौबे ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी निष्ठा से सेवा में लगे हैं, लेकिन प्रशासनिक पक्षपात ने राहत कार्यों में बाधा डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को न तो नाव दी गईं, न ही किसी तरह की सरकारी सुविधा, जिससे जलमग्न क्षेत्रों तक राहत सामग्री पहुंचाना चुनौती बन गया।
इसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने निजी संसाधनों से नावों और परिवहन के अन्य साधनों की व्यवस्था की और बाढ़ प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचाई। चौबे ने सवाल उठाया कि क्या सेवा कार्य केवल सत्ता पक्ष का अधिकार है? क्या राजनीति के चलते विपक्षी दलों को इंसानियत निभाने से भी रोका जाएगा?
कांग्रेस पार्टी ने प्रशासन के इस रवैये की घोर निंदा की और स्पष्ट किया कि जब तक बाढ़ की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सेवा और सहायता अभियान लगातार जारी रहेगा। उनका उद्देश्य है कि कोई भी परिवार भूखा न रहे और हर बच्चे को पीने का साफ पानी तथा ज़रूरी सामग्री उपलब्ध कराई जा सके।
इस सेवा कार्य में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता दिन-रात लगे हुए हैं, जिनमें राघवेंद्र चौबे, डॉ. राजेश गुप्ता, वकील अंसारी, रमजान अली, मयंक चौबे, हसन मेहदी कब्बन, अरुण सोनी, गुलशन अंसारी, अफरोज अंसारी, चंचल शर्मा सहित कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल रहे।