गोरखपुर
बहुरीपार बुजुर्ग में नाली की समस्या बनी बड़ी चुनौती, ग्रामीण परेशान

गोरखपुर। दक्षिणांचल खजनी–सिकरीगंज मार्ग पर स्थित ग्राम बहुरीपार बुजुर्ग इन दिनों नाली की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। वर्षों पहले जब सड़क नहीं बनी थी तब दोनों किनारों पर नालियां मौजूद थीं, लेकिन सड़क निर्माण के दौरान नालियों को मिटा दिया गया। अब हालात यह हैं कि बरसात के दिनों में जल निकासी न होने से पानी गलियों और सड़क पर भर जाता है।
यह स्थिति केवल आवागमन को बाधित नहीं करती बल्कि ग्रामीणों के जीवन को भी संकटग्रस्त कर रही है।ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या लगातार विकराल रूप ले रही है। गांव के समाजसेवी और भूतपूर्व विधायक प्रत्याशी गति प्रसाद का कहना है कि नाली का अभाव अब पूरे गांव और क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।
जल निकासी न होने से जगह-जगह गंदगी फैल रही है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को तत्काल नाली निर्माण पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन अफसोस की बात है कि जिम्मेदार विभाग इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
इसी गांव के प्रमुख ग्रामीण ब्रह्मदेव गौड़ शास्त्री, रामनाथ सिंह, अखिलेश सिंह, बाबूराम सिंह, अशोक सिंह, बृजभूषण सिंह, दिवाकर शर्मा समेत कई लोगों ने इस समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि इस विषय को लेकर तहसील प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन वह ठंडे बस्ते में चला गया। न तो ग्राम प्रधान ने कोई कदम उठाया और न ही विभाग ने।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे सामूहिक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
उनका कहना है कि यह केवल जल जमाव की समस्या नहीं बल्कि स्वास्थ्य और जनहित से जुड़ा सवाल है। बरसात में जलभराव से मच्छरों की संख्या बढ़ रही है और डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग और प्रशासन की लापरवाही से पूरा क्षेत्र महामारी की चपेट में आ सकता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश में स्कूल जाने वाले बच्चों और राहगीरों को सड़क पर बने जलभराव से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे कई बार हादसों की स्थिति बन जाती है। वहीं, गंदगी और दुर्गंध से जीवन कठिन हो गया है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि इस समस्या को नजरअंदाज न करें। गांव में स्थायी समाधान के लिए पक्की नाली का निर्माण शीघ्र कराया जाए ताकि लोग राहत की सांस ले सकें।
आज जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्तर पर गांवों के विकास और स्वच्छ भारत अभियान की बातें की जाती हैं, तब बहुरीपार बुजुर्ग जैसे गांवों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। विकास कार्य तभी सफल माने जाएंगे जब ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, नाली, पानी और बिजली समय पर मिल सकें।
ग्रामवासियों को उम्मीद है कि मीडिया के माध्यम से उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंचेगी और समस्या का समाधान होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे चरणबद्ध आंदोलन और सड़क पर उतरकर विरोध करने के लिए विवश होंगे।