वाराणसी
फोर लेन प्रोजेक्ट में मुआवजा भेदभाव का आरोप, पीएम कार्यालय पहुंचा मामला

वाराणसी के रामनगर से पड़ाव तक फोर लेन सड़क चौड़ीकरण परियोजना में भूमि अधिग्रहण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय निवासियों, दुकानदारों और उद्यमियों ने प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि मुआवजे में भारी भेदभाव किया जा रहा है।
राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चंदौली भू-राजस्व विभाग द्वारा रोड सेगमेंट का सर्किल रेट 9000 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित है, लेकिन प्रशासन इसे कृषि भूमि मानकर केवल 950 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा देने की संस्तुति कर रहा है। प्रभावितों का आरोप है कि कई मकान, दुकानें और बाउंड्री वॉल बिना नोटिस दिए तोड़ दी गईं जिससे सैकड़ों परिवारों का जीवन प्रभावित हुआ है।
ज्ञापन में सवाल उठाया गया कि जब अन्य रोड सेगमेंट पर 9000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है तो रामनगर-पड़ाव मार्ग पर ऐसा क्यों नहीं हो रहा। यहां लगभग 15% भुमिधर सीधे प्रभावित हो रहे हैं जबकि शेष भूमि आबादी, बंजर या काशी नरेश स्टेट की है।
प्रभावितों ने मांग की है कि सभी भुमिधरों को उचित मुआवजा दिया जाए, बिना सूचना के तोड़े गए निर्माण पर जवाबदेही तय हो और शासनादेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।