वाराणसी
पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने के लिए 10 अगस्त को मनेगा ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’
वाराणसी, 06 अगस्त 2024 । एक से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़ों यानि कृमि से छुटकारा दिलाने के लिए जनपद में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिले में एक से 19 साल के 19 लाख से अधिक बच्चों को कृमि से मुक्ति के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा ‘एल्बेंडाजोल’ खिलाई जाएगी। यह जानकारी *मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने कहा कि जनपद में 10 अगस्त को 19 लाख से अधिक बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हर हाल में पूरा करने की कोशिश की जायेगी। इसमें एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों के साथ ही 6 से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को उनके विद्यालय में दवा खिलायी जायेगी। इसके लिए जनपद के निजी, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मदरसों, संस्कृत विद्यालयों एवं केंद्रीय विद्यालयों से सहयोग लिया जायेगा। अभियान में उन बच्चों को भी दवा खिलायी जायेगी जो स्कूल नहीं जाते है। साथ ही ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी। यह अभियान साल में दो बार चलाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य व आंगनबाड़ी केंद्र या आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करें।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय राय* ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस दस अगस्त को दवा खाने से छूट गए बच्चों के लिए 14 अगस्त को मॉप अप राउंड आयोजित होगा। दिवस में छूटे हुए बच्चों को भी दवा से आच्छादित कर लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। उनमें खून की कमी हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं।
दवा खाने का तरीका-
• एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से पीस कर पानी में मिलाकर खिलाएं।
• दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली पीस कर पानी के साथ खिलाएं।
• तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होगी।
कृमि मुक्ति के फायदे-
• स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
• रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
• एनीमिया नियंत्रण
• सीखने की क्षमता में सुधार
*कृमि संक्रमण के लक्षण-
• दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं ।
• बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे।
• हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।