वाराणसी
पूर्वजों की तलाश में हॉलैंड से वाराणसी पहुंचे वंशज
वाराणसी। अपने पूर्वजों की जड़ों को तलाशने के उद्देश्य से हॉलैंड से एक परिवार वाराणसी पहुंचा है। हॉलैंड निवासी वेद प्रकाश विजय परिजनों के साथ काशी आए हैं और अपने पुरखों के गांव की पहचान करने के प्रयास में जुटे हैं। यह यात्रा केवल भौगोलिक खोज नहीं, बल्कि पीढ़ियों से बिछड़े रिश्तों को जोड़ने की भावनात्मक कोशिश भी है।
वेद प्रकाश विजय ने बताया कि उनके दादा स्वर्गीय दुक्खी 15 जनवरी 1909 को कलकत्ता से सूरीनाम के लिए रवाना हुए थे और 22 जनवरी 1909 को वहां पहुंचे। उस समय लंबी समुद्री यात्रा के बाद वे सूरीनाम में जंगलों में कार्यरत रहे। समय के साथ उनका जीवन वहीं स्थापित हो गया।
परिवार के अनुसार, दुक्खी का विवाह सूरीनाम में ही मंगनी मनराज से हुआ था, जो पानी के जहाज पर कार्यरत रही थीं। वहीं से परिवार की अगली पीढ़ियां आगे बढ़ीं, लेकिन भारत से जुड़ी स्मृतियां और पहचान मन में बनी रहीं।
पुराने दस्तावेजों और अभिलेखों की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि दुक्खी का मूल संबंध बनारस क्षेत्र से है। दस्तावेजों के अनुसार उनका परिवार चौबेपुर थाना क्षेत्र के बाबतपुर गांव से जुड़ा बताया गया है। इन्हीं कड़ियों को जोड़ने के लिए वेद प्रकाश विजय वाराणसी आए हैं।
वर्तमान में वे चोलापुर और बाबतपुर एयरपोर्ट के आसपास अपने पूर्वजों के गांव और संभावित रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं। स्थानीय लोगों से बातचीत की जा रही है और पुराने अभिलेखों को खंगाला जा रहा है, ताकि परिवार के इतिहास की कड़ियां स्पष्ट हो सकें।
हजारों किलोमीटर दूर बसे इस परिवार की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि समय और दूरी बढ़ जाने के बावजूद अपनी मिट्टी से जुड़ाव समाप्त नहीं होता। वाराणसी की धरती पर अपने पूर्वजों के निशान खोजता यह परिवार उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा है कि जल्द ही उन्हें अपने पुरखों की पहचान और गांव का सटीक पता मिल सकेगा।
