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वाराणसी

पुराना दोस्त बना दुश्मन, आईडी-पासवर्ड लेकर लाखों की ठगी, जान से मारने की धमकी

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वाराणसी। जनपद के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जाल्हूपुर बाजार निवासी अशोक कुमार मौर्या के साथ 8.50 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित अशोक मौर्या, जो कि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का संचालन करते हैं, उन्होंने अपने पुराने मित्र पंकज कुमार पर विश्वास कर अपना आईडी-पासवर्ड साझा किया, जिससे जालसाजों ने बड़ी रकम की ठगी को अंजाम दिया।

आठ साल पुराने दोस्त ने दिया धोखा

पीड़ित अशोक मौर्या ने बताया कि 27 नवंबर 2024 को उनके आठ साल पुराने मित्र पंकज कुमार, निवासी लुठाकलां, ने उनसे संपर्क किया और कहा कि उसका सीएससी आईडी-पासवर्ड काम नहीं कर रहा है। पंकज ने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई नई ‘फार्मर रजिस्ट्री योजना’ के तहत रजिस्ट्रेशन करने के बहाने अशोक से उनका आईडी, पासवर्ड और पिन मांगा। पुराने दोस्त होने के नाते अशोक ने उसे यह विवरण व्हाट्सएप पर साझा कर दिया।

फोन कॉल से खुला राज

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21 जनवरी 2025 को अशोक को एक कॉल आया, जिसमें खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने बताया कि उनके साथ बड़ी साइबर ठगी हो गई है। जब अशोक ने अपना CSC वॉलेट चेक किया तो पता चला कि अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए उनके खाते से कुल 8 लाख 50 हजार 93 रुपए की निकासी हो चुकी है। यह रकम क्रेडिट कार्ड टॉप-अप, एलआईसी प्रीमियम, बिजली बिल और मोबाइल रिचार्ज जैसे माध्यमों से निकाली गई थी।

पैसे मांगने पर दी जान से मारने की धमकी

जब अशोक ने इस विषय में पंकज से जानकारी मांगी, तो उसने बताया कि उसने आईडी-पासवर्ड आगे आकाश पांडेय को दे दिया था। अशोक ने आकाश के घर जाकर पैसे वापस मांगे, तो आकाश ने उन्हें गालियां दीं। कुछ देर बाद पंकज भी वहां पहुंचा और दोनों ने मिलकर अशोक को कमरे में बंद कर मारपीट की। धमकी दी गई कि अगर दोबारा पैसे मांगने आए तो जान से हाथ धो बैठोगे और गंगा में फेंक देंगे।

पुलिस-प्रशासन ने नहीं की सुनवाई

पीड़ित अशोक मौर्या ने बताया कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत साइबर थाने में की, लेकिन वहां से उन्हें चौबेपुर थाने भेज दिया गया, जहां पहले एफआईआर दर्ज नहीं की गई। थाने और अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। हारकर अशोक ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई।

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उच्चाधिकारियों के संज्ञान के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

पीड़ित की चिट्ठियों के बाद पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर चौबेपुर थाना में अंततः मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, पीड़ित अभी भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है और आरोपियों से जान को खतरा होने की आशंका जता रहा है।

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