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अपराध

पाकिस्तान में लश्कर का दुर्दांत आतंकी ढेर

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नागपुर संघ मुख्यालय हमले का था मास्टरमाइंड

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आतंकवाद की एक और काली कहानी का खात्मा हो गया। लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर अबू सैफुल्लाह को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। अबू सैफुल्लाह भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है और वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।

पाकिस्तानी मीडिया और खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सिंध प्रांत के मतली फलकारा चौक के पास अज्ञात हमलावरों ने उसे निशाना बनाया। हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

नेपाल से संचालित करता था लश्कर का नेटवर्क

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अबू सैफुल्लाह उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ राज़ूल्लाह निज़ामनी नेपाल में लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल को ऑपरेट करता था। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, वह भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए न केवल कैडर तैयार करता था, बल्कि आर्थिक सहायता और हथियारों की आपूर्ति भी करता था। नेपाल के रास्ते आतंकियों को भारत भेजना उसकी रणनीति का अहम हिस्सा था।

तीन बड़े आतंकी हमलों में रहा शामिल

नागपुर संघ मुख्यालय हमला (2006): इस हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम तक पहुंचाने में उसकी मुख्य भूमिका थी।

आईआईएससी बेंगलुरु हमला (2005): प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान को निशाना बनाए गए इस हमले की साजिश में भी उसका हाथ था।

सीआरपीएफ कैंप रामपुर हमला (2001): इस हमले में भी वह एक सक्रिय साजिशकर्ता रहा था।

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भारत की एजेंसियों के रडार पर था अबू सैफुल्लाह

भारत की खुफिया एजेंसियों ने उसे लंबे समय से मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में रखा हुआ था। नेपाल में उसका नेटवर्क मजबूत होता देख एजेंसियों ने उस पर शिकंजा कसना शुरू किया, जिसके बाद वह नेपाल छोड़कर पाकिस्तान भाग गया था।

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