वाराणसी
पथ विक्रेताओं के उत्पीड़न से आक्रोश
भारतीय औद्योगिक व्यापार असोसिएशन ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
वाराणसी। भारतीय औद्योगिक व्यापार असोसिएशन के जिलाध्यक्ष विजेन्द्र कुमार सोनकर के नेतृत्व में एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया जिसमें पथ विक्रेताओं, खासकर ठेला-फुंची वालों के उत्पीड़न और उनकी बदहाल स्थिति पर गंभीर चिंता जताई गई। ज्ञापन में कहा गया कि स्ट्रीट वेंडिंग अधिनियम 2014 के तहत पथ विक्रेताओं को संरक्षित किया जाना चाहिए लेकिन इसके बावजूद स्थानीय पुलिस और कुछ दुकानदार इनके व्यवसाय को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह व्यापारी अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए फल और सब्जी बेचते हैं लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है।
इसके बजाय पुलिस इनका सामान जब्त कर लेती है या ठेला व ट्राली गिरा देती है जिससे इनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ जाती है। इन व्यापारी वर्ग को अपनी रोजी-रोटी की खातिर साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है और समय पर कर्ज न चुका पाने के कारण कई बार उन्हें मानसिक तनाव और भूखमरी का सामना करना पड़ता है।
जिलाध्यक्ष ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि पाण्डेयपदु से कचहरी रोड के कुछ हिस्से में पथ विक्रेताओं के लिए एक वेडिंग जोन स्थापित किया जाए, ताकि इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और उन्हें पुलिस उत्पीड़न से राहत मिल सके।इसके साथ ही यह भी कहा गया कि इन ठेला-फुंची वालों को तब तक ठेला-ट्राली लगाने की अनुमति दी जाए, जब तक वेडिंग जोन का निर्माण न हो जाए।
ज्ञापन देने के दौरान नीरज सोनकर, प्यारेलाल सोनकर, आशीष ओझा, संदीप केशरी, बलराम सोनकर, विक्की सोनकर, राजन सोनकर सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।इन ठेला-फुंची वालों की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ रही है।
पुलिस द्वारा वीआईपी के नाम पर उन्हें हटाया जा रहा है जिससे उनकी पूंजी खत्म हो रही है और वे कर्ज में डूबते जा रहे हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में इन व्यापारियों को और भी परेशानी हो रही है।
कुछ स्थानीय पुलिसकर्मी पैसे लेकर उन्हें व्यापार करने की अनुमति देते हैं जबकि अन्य व्यापारियों को हटा दिया जाता है इसलिए जिलाधिकारी से निवेदन किया गया है कि इन व्यापारियों के लिए एक स्थायी समाधान निकाला जाए और उनके व्यवसाय को एक सुरक्षित स्थान पर चलाने की अनुमति दी जाए ताकि उनकी हालत सुधर सके।