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वाराणसी

निवेशकों से करोड़ों की ठगी के बाद तीन आरोपी फरार

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वाराणसी। चिट फंड कंपनी स्काई मार्ग फाइनेंस सोसाइटी के निदेशकों के फरार होने के बाद पुलिस ने उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई तेज कर दी है। यह कंपनी वर्ष 2013 में स्काई मार्ग एग्रो इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के नाम से सिगरा क्षेत्र में स्थापित की गई थी, जिसे बाद में वर्ष 2014 में जौनपुर शहर में चिट फंड कंपनी के रूप में परिवर्तित किया गया।

कंपनी के निदेशक बसंत कुमार रावत पुत्र बद्री प्रसाद रावत, निवासी धमना थाना झाझा जिला जमुई (बिहार), रत्नाकर सिंह पुत्र राजेश सिंह निवासी दल्लीपुर थाना बड़ागांव वाराणसी तथा रमाशंकर राजभर पुत्र रामसागर निवासी रघुनाथपुर थाना कपसेठी वाराणसी थे। तीनों निदेशक स्वयं कंपनी के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल थे।

निदेशकों ने जौनपुर, वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों से धन दोगुना-तिगुना करने, मासिक जमा योजनाओं और अन्य लुभावनी स्कीमों के नाम पर करोड़ों रुपये निवेश कराए। लगभग एक वर्ष के भीतर ही वे निवेशकों की भारी रकम लेकर धोखाधड़ी करते हुए फरार हो गए।

इस प्रकरण में वर्ष 2015 में थाना लाइन बाजार, जौनपुर में धोखाधड़ी और फर्जी अभिलेखों के जरिए करोड़ों रुपये के गबन का मामला दर्ज किया गया था। प्रकरण में दो अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, जबकि उपरोक्त तीनों निदेशक अभी भी फरार और वांछित हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जौनपुर की अदालत ने बसंत कुमार रावत, रत्नाकर सिंह और रमाशंकर राजभर के खिलाफ फरारी और उद्घोषणा का आदेश जारी करते हुए धारा 82 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

न्यायालय के आदेश के अनुपालन में निरीक्षक स्वामीनाथ प्रसाद द्वारा मुनादी और डुगडुगी कराई गई तथा जारी नोटिस की प्रतियां अभियुक्तों के निवास स्थानों, सार्वजनिक स्थानों और न्यायालय के मुख्य द्वार पर चस्पा की गईं।

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पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि उद्घोषणा की कार्रवाई के बाद फरार अभियुक्तों को एक माह के भीतर न्यायालय में उपस्थित होना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि में उपस्थित न होने की स्थिति में अभियुक्तों की चल संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी।

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