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गाजीपुर

नहर में पानी न आने से किसान चिंतित

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भांवरकोल (गाजीपुर)। धान की नर्सरी डालने का सबसे उपयुक्त समय 25 मई से 20 जून तक माना जाता है। इस अवधि में यदि किसान नर्सरी तैयार करते हैं, तो बेहतर उत्पादन की संभावना रहती है। मगर इस समय क्षेत्र के किसान पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं।

भांवरकोल विकासखंड क्षेत्र में इस समय भीषण गर्मी और अधिक तपिश के चलते पोखरे और तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं। नहरों में पानी न होने से स्थिति और गंभीर होती जा रही है। वीरपुर कैनाल से ही इस क्षेत्र की नहरों में पानी आता है, परंतु अब तक पानी नहीं पहुंचा है। नहर की स्थिति यह है कि उसमें अब धूल उड़ रही है।

किसानों की उम्मीदें अब आसमान की ओर टिकी हैं। कभी-कभी आकाश में छाए काले बादलों को देखकर उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, लेकिन जब बारिश नहीं होती तो मायूसी में डूब जाते हैं। रोहिणी नक्षत्र में नर्सरी डालना शुभ माना जाता है, परंतु पानी की अनुपलब्धता से यह अवसर भी हाथ से निकलता नजर आ रहा है।

क्षेत्र के किसानों जयशंकर कुशवाहा, अनिल यादव, सुमेर यादव, बेचन राम, जगदीश कुशवाहा, फिरोज अहमद, रमेश राय, बाबू सिंह और संजय राय का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा गया है।

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किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो खेती पिछड़ जाएगी। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। समय पर पानी नहीं मिला तो उनकी सारी तैयारियां मिट्टी में मिल जाएंगी।

किसानों की चिंता अब बेचैनी में बदलने लगी है। उनका कहना है कि यदि जल्द विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो इस वर्ष धान की पैदावार बुरी तरह प्रभावित होगी। विभाग की उदासीनता ने किसानों को गहरी चिंता में डाल दिया है।

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