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नर्सिंग और एनएनएम के छात्रों को सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षण देने की अनुमति मिलने से शिक्षा की बढ़ेगी गुणवत्ता : डॉ धनंजय सिंह
नर्सिंग कॉलेजों के भावी डॉक्टरों को मिलेगा सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षण
लखनऊ। उतर प्रदेश के निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग और सहायक नर्सेज एंड मिडवाइफ (एएनएम) कोर्स करने वाले भावी डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षण मिलेगा। वह जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्रशिक्षण ले सकेंगे। इससे जहां अस्पतालों को मैन पावर मिलेगा, वहीं छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा।
इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कल्याण विभाग के महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश में एएनएम पाठ्यक्रम के लिए 150 बेड और बीएससी नर्सिंग के लिए 100 बेड का अस्पताल या संबद्ध अस्पताल होना अनिवार्य है। यह कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं के क्लीनिकल प्रशिक्षण के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने तीन बेड पर एक छात्र की संख्यानुपात निर्धारित किया है। नर्सिंग कॉलेजों से संबद्ध तमाम अस्पतालों में पर्याप्त मरीज नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में कोर्स करने वाले छात्रों को क्लीनिकल प्रशिक्षण नहीं मिल पाता है।
इस समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक (प्रशिक्षण) को पत्र लिखा। इसमें बीएससी नर्सिंग और एएनएम को जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्लीनिकल प्रशिक्षण दिलाने की बात कही। इस पर महानिदेशक ने आदेश जारी कर दिया है।
डॉ. धनंजय सिंह, सदस्य नर्सिंग काउंसिल एवं यथार्थ नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने बताया कि, नर्सिंग और एनएनएम के छात्रों को सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षण देने की अनुमति मिलने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। अस्पतालों की रीति- नीति से छात्र वाकिफ हो सकेंगे और बेहतर कार्य संस्कृति भी सीखेंगे।तो वहीं
डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, महानिदेशक (प्रशिक्षण) चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की ओर से निजी क्षेत्र के नर्सिंग कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को सरकारी अस्पताल में व्यावहारिक प्रशिक्षण की मांग की गई थी, जिसकी अनुमति दे दी गई है। एक बैच को दो माह निजी नर्सिंग कॉलेज आसपास के सरकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क करेंगे। दो-दो माह के प्रशिक्षण के लिए विद्यार्थियों को अस्पताल भेजेंगे। एक बैच के आने के बाद फिर दूसरे बैच को भेजा जा सकेगा।