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वाराणसी

नगर निगम ने जर्जर भवनों पर चलाया बुलडोजर

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किराएदारों से हुई जमकर बहस

वाराणसी नगर निगम द्वारा जर्जर भवनों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शनिवार को प्रशासन की टीम ने पियरी चौकी के सामने भवन को ध्वस्त किया। इस दौरान भवन में रहने वाले लोगों को निकाला गया। निगम द्वारा नोटिस दिया गया था।

भवन को गिराने जैसे ही नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची तो भवन में रहने वाले किरायेदारों और प्रशासन के बीच जमकर कहासुनी हुई। बुलडोजर के आगे महिलाएं आकर आपत्ति जताने लगीं। जिसके बाद मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें मौके से हटाया। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में भवन पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई और भवन को ध्वस्त कराया गया।

नगर निगम ने शहर में जर्जर मकानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। हाल ही में 76 जर्जर मकानों की पहचान की गई है जिन्हें नोटिस देकर खाली कराया जाएगा और ध्वस्त किया जाएगा। नगर निगम ने 2014 में इन भवनों को जर्जर घोषित किया था। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 334 की उपधारा-3 के अनुसार, मकान मालिकों को नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया जाएगा। जब तक नोटिस वापस नहीं लिया जाता, तब तक उस भवन में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। हालांकि वैध निर्माण कार्य की अनुमति रहेगी।

नगर निगम ने कुल 404 जर्जर भवनों को चिन्हित किया है। जिनमें से चौक, कोतवाली और दशाश्वमेध क्षेत्र में लगभग 100 भवन काफी जर्जर स्थिति में हैं। ये भवन 200 से 300 साल पुराने हैं और गिरने की स्थिति में हैं। इसके अलावा, 50 से अधिक जर्जर भवनों में किराएदारी को लेकर विवाद भी चल रहा है जिससे निगम प्रशासन कार्रवाई में हिचकिचा रहा है। इस लचीलापन के कारण भवन मालिक अपनी स्थिति को बचाने में सफल हो रहे हैं।

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आदेश न मानने पर होगी कार्रवाई –

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि मकान खाली करने के बाद नगर निगम नियमानुसार ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू करेगा और इसका खर्च मकान मालिक से वसूला जाएगा। निर्धारित समय सीमा के भीतर मकान खाली न करने या आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित मकान मालिक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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