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वाराणसी

धर्मशाला कुएं की सफाई पर रोक, पुलिस कार्रवाई से भड़के ग्रामीण और व्यापारी

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सामाजिक कार्यकर्ता संतोष तिवारी पप्पू को पुलिस थाने उठा ले गई, विरोध के बाद छोड़ा गया

वाराणसी। जिले के मिर्जामुराद बाजार स्थित सार्वजनिक धर्मशाला परिसर में मौजूद पुराने कुएं को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। बुधवार को ग्रामीणों ने जब श्रमदान कर कुएं की सफाई शुरू कराई, तो पुलिस मौके पर पहुंची और कार्य रुकवा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया।

ग्रामीणों का कहना है कि यह कुआं वर्षों पुराना है और धर्मशाला परिसर की सार्वजनिक संपत्ति का हिस्सा है। लंबे समय से वर्ग विशेष के लोगों के साथ अन्य स्थानीय लोग इस संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार सुबह जब ग्रामीणों ने साफ-सफाई का कार्य शुरू किया, तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर काम बंद करा दिया। इसके बाद करीब एक घंटे तक पंचायत चली।

इस दौरान पुलिस ने कुआं मुक्ति और सफाई कार्य का नेतृत्व कर रहे ग्रामीण संतोष तिवारी पप्पू को थाने ले गई। यह खबर फैलते ही व्यापारियों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। भारी विरोध के चलते पुलिस को संतोष तिवारी को थाने से छोड़ना पड़ा।

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व्यापारियों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब धर्मशाला परिसर में वर्ग विशेष के लोगों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा था, तब पुलिस मूकदर्शक बनी रही, लेकिन अब जब लोग सार्वजनिक हित में सफाई कर रहे हैं, तो उसमें बाधा डाली जा रही है।

पुलिस की ओर से बताया गया कि धर्मशाला परिसर की भूमि को लेकर विवाद है, जिसे लेकर 2 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यक्रम के बाद राजस्व विभाग की मौजूदगी में नापी कराई जाएगी। उसके बाद सफाई कार्य कराया जाएगा।

व्यापार मंडल अध्यक्ष उपेंद्र सिंह पिंटू, ग्रामीण संतोष तिवारी पप्पू समेत अन्य लोगों ने मांग की है कि जब तक नापी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी प्रकार की निजी गतिविधि पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और पुलिस सार्वजनिक कार्यों में हस्तक्षेप न करे।

इस मामले को लेकर व्यापार मंडल और ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री कैंप कार्यालय रविंद्रपुरी कॉलोनी दुर्गाकुंड और जिलाधिकारी कार्यालय वाराणसी में ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने धर्मशाला परिसर की सार्वजनिक संपत्ति पर हो रहे अवैध निर्माण को तत्काल रोके जाने, दोषियों पर कार्रवाई करने और पुलिस के पक्षपाती रवैये की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 2 अगस्त के बाद नापी निष्पक्ष रूप से नहीं कराई गई या प्रशासन ने पक्षपात किया, तो वे बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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