गोरखपुर
धनतेरस पर बाजारों में खरीदारी की रौनक, पर महंगाई ने तोड़ी मध्यम वर्ग की कमर

गोरखपुर। दीपोत्सव का शुभ पर्व धनतेरस आते ही गोरखपुर जनपद के कस्बों और ग्रामीण बाजारों में खरीदारी की हलचल तेज हो गई है। शनिवार को खजनी, सिकरीगंज, पिपराइच समेत आसपास के बाजारों में दिनभर रौनक रही। दुकानों पर झालरों की चमक और सजी हुई मिठाइयों की खुशबू ने त्योहार का माहौल बना दिया।
हालांकि इस बार महंगाई ने आम उपभोक्ता, किसान और मजदूर वर्ग की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के बढ़े दामों ने जेबों पर भारी असर डाला है। सोना एक लाख से पार और चांदी प्रति किलो लाख रुपए पहुंचने के बाद भी महिलाओं में खरीदारी का उत्साह जरूर नजर आया, लेकिन मात्रा बेहद सीमित रही।
स्थानीय स्वर्णकार ,रामजी बर्मा अजय वर्मा अनिल बर्मा आदि लोगो ने बताया, “पिछले साल की तुलना में ग्राहकों की आमद आधी रह गई है। लोग बस परंपरा निभाने के लिए छोटे-छोटे जेवर या सिक्के खरीद रहे हैं।” वहीं चांदी की लक्ष्मी-गणेश मूर्तियों, सिक्कों और नोटों की भी मांग बनी रही।
बाजारों में झालर, दीया, मूर्ति, कपड़ा और सजावट के सामान की दुकानों पर भी ग्राहकों की आवाजाही रही। झालर विक्रेता राकेश गुप्ता ने बताया कि लोग इस बार स्वदेशी और मिट्टी के सामान को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में हालांकि मंदी का असर साफ दिखा। बढ़ती महंगाई और सीमित आमदनी के चलते किसान व मजदूर वर्ग इस बार बड़ी खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। कई दुकानदारों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आई है।
फिर भी दीपोत्सव की तैयारी में हर वर्ग अपने-अपने स्तर से जुटा है। लोगों का कहना है कि “त्योहार तो खुशियां बांटने का नाम है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।” बाजार में रौनक तो है, पर जेबों पर भारी है धनतेरस की चमक है।