वाराणसी
दिव्यांगजनों की सेवा और सहयोग के लिए ‘नैसर्गिक विकलांग सेवा संघ’ हमेशा तत्पर : त्रियुगी नाथ दुबे
वाराणसी। जिले में शनिवार को मुंबई की संस्था ‘नैसर्गिक विकलांग सेवा संघ’ के संस्थापक त्रियुगी नाथ दुबे ने काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ एवं बाबा काल भैरव का दर्शन-पूजन किया। तत्पश्चात वह मैदागिन क्षेत्र में स्थित जयदेश न्यूज़ के कार्यालय में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए जहां उन्होंने अपनी संस्था के बारे में जयदेश की न्यूज़ एंकर सोनाली पटवा से खास बातचीत करते हुए अपनी जर्नी साझा की।
उन्होंने बताया कि, ‘नैसर्गिक विकलांग सेवा संघ’ की स्थापना 2003 में की थी। आज वर्तमान समय में इस संस्था से लगभग 6500 से ज्यादा की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। इसमें प्रत्येक राज्यों के लोग जुड़े हुए हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तराखंड के लोगों की है। इस संस्था का संपर्क कार्यालय मुंबई के अंधेरी पूर्व, गाला नं. १५६, एन.बी. पाण्डेय चाल, नियर श्री गोविन्द बाल मंदिर हाई स्कूल, अंबेवाडी, आर. के. सिंह मार्ग पर स्थित है।
संस्था के उद्देश्य से जुड़े सवाल के जवाब में त्रियुगी दुबे ने बताया कि, जो दिव्यांगजन समाज के हाशिए पर है और जिन्हें सरकार से किसी भी प्रकार की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता वह हमारे संस्था से जुड़ सकते हैं। इसमें हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में उनके सहयोग करने का प्रयास करते हैं। हमारी संस्था से जुड़ने का माध्यम पूरी तरह से निःशुल्क है।
संस्था को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, सरकार की योजनाओं पर मैं भरोसा नहीं करता हूं क्योंकि इसमें सिर्फ खाना पूर्ति होती है। यदि हमारी संस्था से कोई दिव्यांगजन जुड़ता है तो हम उसका सहयोग करने के लिए पूरी तरह से तत्पर है। कई ऐसे दिव्यांगजन है जिन्होंने चुनौतियों का सामना करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पायी है।
आपको बता दे कि, त्रियुगी नाथ दुबे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी उच्च शिक्षा वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से हुई है। जीवन में तमाम संघर्षों का सामना करने के पश्चात उन्होंने 2001 में मुंबई का रुख किया और 2003 में ‘नैसर्गिक विकलांग सेवा संघ’ की स्थापना की जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों की सेवा और सहायता करना है।