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हेल्थ

दिमाग की सेहत बिगाड़ रही है रील्स, स्टडी में हुआ खुलासा

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कैसे असर डालती हैं रील्स?

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम और यूट्यूब रील्स देखना आजकल हर किसी की आदत बन चुकी है। दिनभर की थकान के बाद जब लोग मनोरंजन के लिए रील्स देखते हैं तो यह कुछ समय के लिए खुशी तो देती है, लेकिन दिमाग की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। न्यूरोइमेज जर्नल में छपी एक हालिया स्टडी के मुताबिक रील्स का असर शराब और जुए की लत जैसा होता है।

कैसे असर डालती हैं रील्स?
स्टडी के अनुसार लगातार शॉर्ट वीडियो देखने से दिमाग के रिवार्ड सिस्टम की एक्टिविटी बढ़ जाती है। यही वह हिस्सा है जो इंसान को खुशी और मज़ा महसूस कराता है। लेकिन जब यह एक्टिविटी लगातार बनी रहती है तो इमोशन, फोकस और बॉडी को कंट्रोल करने वाले हिस्सों की कनेक्टिविटी बिगड़ने लगती है। नतीजा यह होता है कि दिमाग को बार-बार डोपामिन की खुराक की आदत पड़ जाती है और रोज़मर्रा की खुशियाँ फीकी लगने लगती हैं।

लत जैसी स्थिति बन जाती है
शोधकर्ताओं ने पाया कि रील्स देखने वालों में वही लक्षण दिखते हैं जो शराब पीने या जुआ खेलने वालों में नज़र आते हैं। धीरे-धीरे व्यक्ति का ध्यान कम होने लगता है, छोटी-छोटी बातें याद नहीं रहतीं और इम्पल्स कंट्रोल करने की क्षमता घट जाती है।

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नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर असर
रात में देर तक मोबाइल पर रील्स देखने से नींद पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। मोबाइल की ब्लू लाइट और लगातार बदलते वीडियो दिमाग को आराम का सिग्नल नहीं देते। इससे मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन देर से होता है और नींद आने में कठिनाई होती है। नींद की कमी से हिप्पोकैम्पस प्रभावित होता है, जिससे याददाश्त और सीखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।

दिमाग को हेल्दी रखने के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि रील्स की लत से बचने के लिए मोबाइल पर टाइमर लगाना चाहिए और हर आधे घंटे बाद ब्रेक लेना चाहिए। नियमित व्यायाम, अच्छी नींद, शौक पूरा करना और दोस्तों व परिवार के साथ समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखता है।

रील्स देखने से भले ही कुछ पल का मनोरंजन मिलता हो, लेकिन लंबे समय तक इसका असर बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए सोशल मीडिया पर बिताया समय सीमित करना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।

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