वाराणसी
दालमंडी में बिना सहमति नहीं होगा ध्वस्तीकरण, हाईकोर्ट ने डीएम का हलफनामा किया मंजूर

प्रयागराज। वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण परियोजना से जुड़े भवन स्वामियों को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में दाखिल याचिकाओं को निस्तारित करते हुए स्पष्ट किया कि भवनों का ध्वस्तीकरण बिना स्वामियों की सहमति या विधिक अधिग्रहण के नहीं किया जायेगा।
वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर भरोसा दिलाया कि जब तक संपत्ति का विधिसम्मत अधिग्रहण नहीं हो जाता और भवन स्वामी को उचित मुआवजा नहीं दे दिया जाता, तब तक किसी भी निर्माण को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आपसी सहमति अथवा भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत पूरी की जाएगी।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश दालमंडी निवासी शहनाज़ परवीन की याचिका पर दिया। याचिका में बिना मुआवजा दिए भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
डीएम के हलफनामे के अनुसार, दालमंडी की सड़क को चौड़ा और मजबूत करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है, जिसका अनुमानित बजट 22059.46 लाख रुपये है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना में किसी भी व्यक्ति को उसके वैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जायेगा।