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वाराणसी

तीन दिवसीय आजीविका समागम के दूसरे दिन विभिन्न विषयों पर हुआ मंथन

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वैल्यू चेन डेव्लपमेंट एंड प्रमोशन, मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग: एसएचजी दीदी प्रोडक्टस, फ़ाईनेन्सिंग वैल्यू चेन एंड लाइवलीहूड़, ह्यूमन रेसौर्स स्ट्रेन्थेनिंग एवं अभिसरण की महत्ता एवं उपयोगिता पर आधारित चर्चा पर लोगों ने अपने राय व्यक्त किया

        
वाराणसी। रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर मे हो रहे तीन दिवसीय आजीविका समागम के दूसरे दिन शुक्रवार की शुरुआत पिछले सत्रो मे की गयी चर्चाओं पर एक संक्षिप्त वार्ता पश्चात सत्रों की शुरुआत की गयी। चर्चा का मुख्य विषय वैल्यू चेन डेव्लपमेंट एंड प्रमोशन, मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग: एसएचजी दीदी प्रोडक्टस, फ़ाईनेन्सिंग वैल्यू चेन एंड लाइवलीहूड़, ह्यूमन रेसौर्स स्ट्रेन्थेनिंग एवं अभिसरण की महत्ता एवं उपयोगिता पर आधारित रहा।
          
वैल्यू चैन डेव्लपमेंट एंड प्रमोशन की चर्चा के लिए पैनल के रूप मे मौजूद राहुल अग्रवाल पार्टनर डाइरेक्टर इंटेलिकैप ने सत्र को संचालित करते हुए प्रोड्यूसर ग्रुप के लक्ष्यों  की पूर्ति हेतु पूंजीकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और बताया की पूंजीकरण की आवश्यकता प्रत्येक चरण जैसे उत्पादन, प्रक्रिया एवं बाजारीकरण पर पड़ती है। इसी क्रम मे डॉक्टर ओ॰पी॰ सिंह, ने दीदियो के हैंडहोल्डिंग की आवश्यकता पर बात की। इस पैनल चर्चा के उपरांत संयुक्त सचिव महोदया, ग्रामीण विकास स्वाति शर्मा ने मिशन के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु बैंकर्स के संवेदीकरण पर ज़ोर देने को कहा। इसी क्रम मे आगे बढ़ते हुए दूसरी चर्चा का विषय एसएचजी दीदी द्वारा बनाए गए प्रोडक्टस की मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग के बारे मे रहा।

इस सत्र मे पैनल के रूप मे मौजूद पीयूष सिन्हा, विशेषज्ञ, ईडीआई ने सत्र का संचालन किया। चर्चा के दौरान बताया कि किसी प्रोडक्ट के लिए सबसे पहले मार्केट रिसर्च करना ज़रूरी है साथ साथ प्लानिंग और स्ट्रेटजी और साथ प्रोडक्ट की पैकिंग की डिज़ाइन और पैकिंग की गुणवत्ता भी ज़रूरी है। ओर साथ ही डिजिटल सखी, अभिसरण ग्रामीण विपणन, क्षमता निर्माण, ऑनलाइन विपणन जैसे विषयों पर गहन चर्चा के साथ साथ प्रतिभागियो के प्रश्नों को लेते हुए उनके जवाब भी दिये गए।

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चर्चा के उपरांत संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास, स्वाति शर्मा ने संबन्धित विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ब्रांडिंग की महत्ता, हर वर्ग की उद्यमशीलता को सहयोग देने एवं सीएलएफ़ के सहयोग से गोदाम सुविधा प्रदान करने के बात पर ध्यान देने का सुझाव दिया। अगला सत्र अभिसरण की महत्ता एवं उपयोगिता के विषय मे रहा।गजानन द्वारा सत्र का संचालन करते हुए संबन्धित विषय पर चर्चा की।

साथ ही सत्र मे चर्चा के माध्यम से बताया गया कि अभिसरण से उत्पाद या सेवा को बाजार में विशिष्ट स्थान मिलता है, ग्राहक की प्राथमिकताओं का सही ढंग से संबोधन होता है और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त होता है। यह मार्केटिंग की स्पष्टता और प्रभावशीलता को बढ़ाता है, जिससे ब्रांड की छवि सुदृढ़ होती है और बिक्री में वृद्धि होती है।

इसके अलावा सत्र मे वीपीआरपी का जीपीडीपी में एकीकरण, बीसी सखी आदि को सुगम बनाने के बारे मे चर्चा की। इस सत्र के दौरान चरणजीत सिंह, अपर सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा  संचार, समन्वय एवं सहयोग के महत्व को प्रतिभागियों के समक्ष बताया गया। इवान अपने लक्ष्यों को केन्द्रित करते हुए समय से प्राप्त करने हेतु योजना बनाने पर बल देते हुए संबोधित किया गया।

इसी क्रम मे मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, दीपा रंजन द्वारा कार्यरत बीसी सखी एवं विद्युत सखी द्वारा किए जा रहे कार्यो पर प्रकाश डाला गया एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ किए गए नवीन अनुबंध की चर्चा की जिंसमे उन्होने बताया डिवाइस के रूप मे प्रयोग हेतु लैपटाप प्रदान किया जा रहा।
        
ह्यूमन रिसोर्सेस स्ट्रेन्थेनिंग सत्र के अंतर्गत कुछ अहम बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए सुझाव दिये गए कि निरंतर नए कार्मिको की भर्ती की जानी चाहिए एवं उनके मानदेय मे वृद्धि होना, काम का सही तरीके से बटवारा एवं पूर्व से चली आ रही मानव संसाधन की नीतियों मे समयानुसार बदलाव किए जाने चाहिए। अंतिम सत्र मे क्लस्टर लाइवलीहूड़ फाउंडेशन (CLF) को आजीविका संस्थान बनाने के विषय मे सत्र कराया गया जिसमे CLF को आजीविका गतिविधियों के केंद्र के रूप मे कैसे विकसित किया जाये ? इसके लिए क्या रणनीति बनाई जाये ? इस पर वृहद चर्चा की गई।

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