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वाराणसी

डीसीपी काशी जोन द्वारा देव दीपावली के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था हेतु नाविकों को दिये गये निर्देश

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वाराणसी। नाव पर क्षमता से अधिक व्यक्तियों को किसी भी दशा में नहीं बैठाया जायेगा।

नाव में जीवन रक्षक उपकरण लाइफ जैकेट, ट्यूब, रस्सा, टार्च आदि रखेंगे।

किसी भी दर्शक / श्रद्धालु को नाव पर बैठाने से पूर्व किराया पहले तय कर लेंगे बाद में किराये को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न नही होना चाहिये।

नाव में असुरक्षित आग, बीड़ी के टुकड़े एवं जलती हुई माचिस की तीली न फेंकी जाय।

नाव को किसी भी दशा में गहरे पानी अथवा तेज धार में नही ले जायेंगे।

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प्रत्येक नाव पर दो कुशल नाविक रहेंगे, जो यह ध्यान रखेंगे कि नगर निगम द्वारा लगाये गये लाल संकेत पानी में न डूबे।

कोई भी नाविक मदिरा पान करके नाव का संचालन नहीं करेगा। किसी नाविक को मंदिरा पान करके नाव चलाते हुये पाये जाने पर उसके विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

नाव में कोई भी व्यक्ति मदिरा पान / नशीले पदार्थ का सेवन करके न बैठने पाये, इसके लिये आप पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे।

समस्त नाव राजघाट से अस्सी की तरफ घाट के किनारे-किनारे से होकर जायेगी तथा दूसरे किनारे से (प्रचलित लेन) होकर वापस आयेगी।

मछली पकड़ने वाली नाव का प्रयोग सवारी बैठाने में कदापि नही किया जायेगा।

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जल पुलिस / बाढ़ राहत पीएसी/एनडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा एजेन्सी के निर्देशो का पालन करेंगे।

चप्पू वाली नाव प्रतिबन्धित रहेगी।
नावो का संचालन धीमी गति से किया जाये।

किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कन्ट्रोल रूम 9454401645 / जल पुलिस प्रभारी 7839856996 / अपने सम्बन्धित नजदीकी थाना प्रभारी को सूचना देगें साथ ही साथ लगभग प्रत्येक घाट सुरक्षा के लिए डियूटी में नावे तैनात रहेगी उनको भी सूचित करेंगे।

सीएनजी वाली बोट पर पेट्रोल अवश्य रखेगे ताकि इन्जन बन्द होने की दशा मे इंजन को स्टार्ट करने में आसानी होगी।

देव दीपावली की रात्रि 22.00 बजे के बाद कोई भी नाव का संचालन नही किया जायेगा।

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