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वाराणसी

डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा

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डॉक्टर ने कहा – “डिलीवरी के दौरान ब्लेड लग गया होगा”

वाराणसी। जिला महिला अस्पताल कबीचौरा में शुक्रवार की शाम डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान बच्चे के सिर में ब्लेड लगने से उसकी मौत हुई। वहीं डॉक्टर पर लापरवाही का भी आरोप लगाया गया। डॉक्टर अनुरिता सचान का कहना है कि बच्चे की धड़कन पहले से ही बंद थी और इसकी जानकारी परिजनों को दे दी गई थी। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि डिलीवरी के दौरान कहीं से ब्लेड लग गया होगा।

मिली जानकारी के मुताबिक, पड़ाव निवासी अनिसुर रहमान अपनी पत्नी शबनम (30) को डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल लाए थे। शाम करीब साढ़े सात बजे उनकी पत्नी का ऑपरेशन किया गया। करीब दो घंटे बाद जब परिजनों के हाथ में बच्चा दिया गया तो उसके सिर से खून टपक रहा था। यह देख परिजन तुरंत ऑपरेशन थिएटर पहुंचे। डॉक्टर से बातचीत करने पर बताया गया कि बच्चा मरा पैदा हुआ और पहले से ही उसकी धड़कन बंद थी। इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे।

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सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन परिजन डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के दो घंटे बाद बच्चा क्यों दिया गया और बच्चे के सिर में ब्लड लगने की जानकारी क्यों छुपाई गई। शबनम के पति अनिसुर रहमान का यह भी आरोप है कि डिलीवरी से कुछ देर पहले ऑपरेशन थिएटर में दो युवकों ने उनसे तीन हजार रुपए की मांग की थी। बातचीत के बाद उन्होंने रुपए दे भी दिए जिसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। हालांकि डॉक्टर ने ओटी में रुपए मांगे जाने के आरोप को खारिज किया और कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि किसने पैसे लिए।

डिलीवरी करने वाली डॉक्टर अनुरिता सचान ने नवजात के सिर में ब्लड लगने की बात को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हो सकता है डिलीवरी के दौरान कहीं से सिर में ब्लेड लग गया हो। ऑपरेशन से पहले बच्चे की धड़कन की जांच की गई थी जो नहीं चल रही थी और इसकी जानकारी परिजनों को दे दी गई थी।

महिला शबनम ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान वह सब कुछ सुन रही थी। उसके अनुसार डिलीवरी के दौरान डॉक्टर और स्टाफ नर्स बच्चे के सिर कटने और खून गिरने की बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर ने उन्हें पूरी तरह से बेहोश नहीं किया था।

महिला अस्पताल में चार घंटे तक हंगामा चलता रहा लेकिन अस्पताल परिसर में रहने वाली एसआईसी पूरे समय मौके पर नहीं दिखीं। परिजन शिकायत करने के लिए उन्हें खोजते रहे लेकिन वह घटनास्थल पर नहीं आईं।

एसआईसी डॉ. नीना वर्मा ने कहा कि डिलीवरी के दौरान महिला की बच्चेदानी से बच्चा चिपका हुआ था और उसे निकालने के दौरान कहीं ब्लेड लग गया होगा। परिजनों से पोस्टमार्टम कराने को कहा गया है जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। महिला का पति भी पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गया। कोतवाली इंस्पेक्टर दयाशंकर ने बताया कि अस्पताल प्रशासन से बात हुई है और वे लोग भी पोस्टमार्टम कराने की बात कर रहे हैं। पोस्टमार्टम से ही बच्चे की मौत के सही कारण का पता चलेगा।

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