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वाराणसी

डिप्टी जेलर की बेटी ने सिस्टम पर उठाया सवाल, राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु

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वाराणसी में जिला जेल की पूर्व डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया की बेटी नेहा शाह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। 20 पेज के इस पत्र में नेहा ने कहा कि उसे अब भारत की न्याय प्रणाली पर भरोसा नहीं रहा। उसने आरोप लगाया कि उसकी मां के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे उसे और उसके परिवार को लगातार जान का खतरा बना हुआ है।

नेहा शाह का दावा है कि पूर्व जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोपों के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया। उसने बताया कि उसकी मां को उमेश सिंह के अवैध और अनैतिक दबाव का शिकार होना पड़ा। उसने स्पष्ट किया कि उसकी मां ने उमेश सिंह की अवैध मांगों को ठुकरा दिया, जिसके बाद उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जाने लगा।

नेहा ने कहा कि उसकी मां आज भी नैनी जेल में डर के साए में जी रही हैं और पूरा परिवार मानसिक यातना झेल रहा है। उसने लिखा कि जब भी वह घर से बाहर निकलती है, उसे लगता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है, और हर वक्त मौत का डर बना रहता है।

पत्र में उमेश सिंह पर जेल के भीतर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली, बंदियों से पैसे लेकर बैरक आवंटन, अस्पताल में भर्ती कराने जैसे कई आरोप लगाए गए हैं। साथ ही मुरादाबाद और इटावा में उनके कार्यकाल के दौरान किए गए घोटालों और शिकायतों का भी हवाला दिया गया है।

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नेहा ने कहा कि 2017 में तत्कालीन कारागार राज्यमंत्री जयकुमार सिंह जैकी ने उमेश सिंह के खिलाफ रिश्वत के आरोप में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन उस पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस पूरे मामले में 35 बिंदुओं में नेहा ने राष्ट्रपति को विस्तार से स्थिति बताई है। उसने साफ कहा कि यदि उसे इच्छा मृत्यु की इजाजत नहीं दी जाती, तो वह आत्मदाह जैसा कदम उठाने को मजबूर होगी, जिसकी जिम्मेदारी सिस्टम की होगी।

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