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ट्रंप टैरिफ से कालीन उद्योग को झटका, कई करोड़ के ऑर्डर अटके

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वाराणसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय टेक्सटाइल निर्यात पर लगाए गए 25% टैरिफ का गहरा असर पूर्वांचल के कालीन कारोबार पर पड़ रहा है। मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी के हैंड टफ्टेड और हैंडनॉटेड कालीन व्यापारियों के 2000 करोड़ रुपये के ऑर्डर अटक गए हैं, जिनमें 1200 करोड़ का माल पूरी तरह तैयार है और डिलीवरी की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

पूर्वांचल की हस्तनिर्मित कालीनें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद लोकप्रिय हैं, विशेष रूप से अमेरिका में। लेकिन ट्रंप टैरिफ लागू होने से अब अमेरिका को होने वाला लगभग 70 प्रतिशत निर्यात संकट में है। अनुमान है कि इससे सालाना करीब 3000 से 4000 करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हो सकता है।

व्यापारी दीनानाथ बरनवाल ने जानकारी दी कि खमरिया और आसपास के 900 से अधिक निर्यातकों को अमेरिका से भारी ऑर्डर मिले थे, लेकिन टैरिफ के चलते कंपनियां रेट घटाने का दबाव बना रही हैं। वहीं उद्यमियों का कहना है कि नुकसान के डर से अब वे नए ऑर्डर लेने से भी कतरा रहे हैं।

कालीन कारोबारी जुल्कैब अहमद का मानना है कि इस टैरिफ के बाद अमेरिका की बड़ी कंपनियां तुर्की और ईरान की ओर रुख कर सकती हैं, जिससे भारत की बाजार हिस्सेदारी घटेगी। दूसरी ओर, मिर्जापुर के रामप्रकाश बरनवाल ने बताया कि अमेरिकी कंपनियों ने रेट में 10 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव रखा है, जो भारतीय निर्यातकों के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।

पूर्वांचल निर्यातक संघ के अध्यक्ष रघु मेहरा ने चिंता जताई कि इस स्थिति से व्यापार के साथ-साथ रोजगार पर भी बुरा असर पड़ेगा। उत्पाद तैयार हैं, लेकिन उन्हें डिस्काउंट पर बेचना अब मजबूरी बन गई है। सरकार से सहायता की मांग लगातार उठ रही है और उद्यमियों ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष भी इस मुद्दे को रखा है।

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