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वाराणसी

ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिली शिवलिंगनुमा आकृति की पूजा को सुप्रीम कोर्ट में याचिका

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वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण में परिसर के सर्वे के दौरान मिली शिवलिंगनुमा आकृति की नियमित पूजा के लिए वाराणसी की चार सहित कुल सात महिलाओं ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि ये याचिका दायर करने वाली बनारस की वही चार महिलाएं हैं जिनकी याचिका पर जिला जज की अदालत में मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई चल रही है। इनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु जैन से दाखिल की है जिस पर 21 जुलाई को सुनवाई होगी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस चंद्रकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ करेगी सुनवाई
चीफ जस्टिस एनवी रमना के समक्ष सोमवार को अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अपनी दलील प्रस्तुत की। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के आग्रह पर चीफ जस्टिस, याचिका को 21 जुलाई को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गए। अब इस याचिका की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस चंद्रकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ करेगी।

इन 7 महिलाओं की ओर से दायर की गई है याचिका
वाराणसी की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक, मथुरा की असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंका गोस्वामी, गौतम बुद्ध नगर की पारुल खन्ना और नई दिल्ली की एडवोकेट अमिता सचदेवा ने यह याचिका दाखिल की है।

याचिका के माध्यम से की गई हैं ये 4 मांगें
1-ज्ञानवापी परिसर में गत 16 मई को हुए सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा और दर्शन की अनुमति दी जाए
2-ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की आयु निर्धारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्बन डेटिंग के माध्यम से करे
3-ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग मिला है, उस स्थान का एएसआई रडार तकनीक से सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे कि वहां का वास्विक स्वरूप कैसा था
4-केंद्र सरकार को निर्देशित किया जाए कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की जाए।

20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज की अदालत में सुनवाई का दिया था आदेश
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 मई को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उस स्थान की सुरक्षा की जाए जहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया है। साथ ही ये भी आदेश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में मुसलमानों के प्रवेश और वहां नमाज अदा करने का अधिकार प्रतिबंधित नहीं होगा। साथ ही मां शृंगार गौरी केस की सुनवाई वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

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